Kanker: मुर्दों के खाते में जा रही थी सम्मान निधि की राशि, सरकारी नौकर भी ले रहे थे फायदा, ऐसे हुआ खुलासा
इनकम टैक्स भरनेवाले, सरकारी नौकर, सेवानिवृत्त और पेंशनधारी भी गलत जानकारी भरकर केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना का फायदा ले रहे थे. केवाईसी अपडेट के बाद अब लाभ मिलना बंद हो गया है.
Fraud in PM Kisan Samman Nidhi Yojana: केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी पीएम किसान सम्मान निधि योजना में भारी फर्जीवाड़ा सामने आया है. 2075 मृत किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि योजना की राशि डाल दी गई. इसका खुलासा तब हुआ जब सभी हितग्राही किसानों का KYC अपडेट किया गया. सनसनीखेज मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का है. कांकेर में 7 हजार से ज्यादा किसान अपात्र पाए गए हैं. 7 हजार 308 किसानों में से 2075 की मौत हो चुकी है. उसके बावजूद मृत किसानों के नाम से पीएम सम्मान निधि की राशि जारी हो रही थी. इसके अलावा 800 किसान बकायदा इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं. यानी संपन्न होने के बावजूद भी किसान सम्मान निधि की राशि मिल रही थी.
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना में भारी गड़बड़ी
अपात्र किसानों में चुने हुए जनप्रतिनिधि भी हैं. जनप्रतिनिधि गलत जानकारी देकर योजना का लाभ ले रहे थे. सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार 6 हजार रुपये सालाना किसानों को राशि भेजती है. राशि 2- 2 हजार कर 2 महीने या 4 महीने या 6 महीने में किसानों तक पहुंचती है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत साल 2018 में केंद्र सरकार ने की थी. लाखों किसानों को योजना का लाभ मिल रहा है, लेकिन अपात्र लोग भी योजना का भरपूर फायदा उठा रहे थे.
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मृत किसानों के नाम पर खाते में डाली जा रही थी राशि
बकायदा सील और साइन करवाकर दो हजार से ज्यादा मृत किसानों के नाम पर राशि खातों में डाली जा रही थी. भारी गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ जब 7 सितंबर तक केवाईसी अपडेट का समय रखा गया. इस दौरान कांकेर जिले के 97 हजार 282 किसानो ने केवाईसी अपडेट कराया और इसमें 7 हजार से ज्यादा किसान अपात्र पाए गए. बनाए गए नियम के मुताबिक परिवार में एक ही हितग्राही को योजना का लाभ मिलना है, लेकिन केवाईसी के बाद जांच में खुलासा हुआ कि कई परिवारों में एक से ज्यादा लोग पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे थे.
सरकारी नौकर, रिटायर्ड और पेंशनधारी भी ले रहे थे लाभ
जांच में पाया गया कि 800 किसान इनकम टैक्स भरते हैं. उसके बावजूद योजना का लाभ ले रहे थे, साथ ही सरकारी नौकर, सेवानिवृत्त और पेंशनधारी भी गलत जानकारी भरकर योजना का फायदा ले रहे थे, लेकिन केवाईसी अपडेट के बाद अब सभी किसानों को योजना का लाभ मिलना बंद हो गया है. मृत किसानों के परिजन में से किसी एक सदस्य को योजना का लाभ देने के लिए नए सिरे से पंजीयन कराने की बात कही जा रही है. पात्र को ही योजना के तहत लाभ देने का फैसला लिया गया है.
सबसे बड़ी लापरवाही और गड़बड़ी मृत किसानों के नाम पर योजना का लाभ देने में हुई है. बकायदा 2075 मृत किसानों को जिंदा बताया जा रहा था. हालांकि राशि किसने डकारी और सरकार के लाखों रुपए का फायदा किसने उठाया, इसकी जांच अब तक नहीं हो पाई है, लेकिन बताया जा रहा है कि पिछले कुछ सालों से लगातार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली राशि खातों में डाली जा रही थी. फिलहाल मामले में जिले के उच्च अधिकारियों ने जांच करने की बात कही है. बड़ी लापरवाही से केंद्र सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है.