Ganesh Chaturthi 2023: सरगुजा संभाग में गणेशोत्सव की धूम, बाजार खरीददारों की उमड़ी भीड़, मूर्तिकारों को अच्छे कारोबार की उम्मीद
Ganesh Utsav: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में गणेश उत्सव की धूम है. कोरोना संकट टलने के बाद मूर्तिकारों के चेहरे में रौनक है. कारोबारियों ने इस बार अच्छे कारोबार की उम्मीद जताई है.
Ambikapur News: सरगुजा संभाग में गणेश उत्सव को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है. कोरोना संकट टलने के बाद मूर्ति बाजार में इस बार जबरदस्त रौनक रही. संक्रमण के चलते पिछले तीन वर्षों से मंदी की मार से जुझ रहे मूर्तिकारों के चेहरे इस साल खिल गए. सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में तीन बड़े मूर्तिकार हैं. जबकि आस पास के गांवों से भी छोटी और ढाई से तीन फीट तक की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर आधा दर्जन से अधिक मूर्तिकार पहुंचते है. शहर के युवा भी बड़ी संख्या में मिट्टी की मूर्तियों को मंगा कर बेचते हैं.
व्यापारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद
मूर्तिकारों और इसका व्यवसाय करने वाले लोगों के मुताबिक वर्ष 2022 में संक्रमण में कमी आने के साथ समितियों को गणेश उत्सव की अनुमति मिली थी. जिससे उन्होंने आशंकाओं के बीच प्रतिमाओं का निर्माण किया था और एक अनुमान के तहत शहर में ही लगभग 40 से 45 लाख का कारोबार हुआ था. पिछले साल प्रतिमाओं की संख्या भी कम थी. इसके बावजूद अधिकांश मूर्तियां नहीं बिक पाने से बच गई थी और नुकसान भी उठाना पड़ा था. जबकि इस साल पिछले साल के मुकाबले दो गुना प्रतिमाएं बनाई गई जो हाथों हाथ बिक गई. जिससे इस वर्ष लगभग एक करोड़ रूपए से अधिक के कारोबार का अनुमान है. अच्छी बिकवाली से मूर्तिकारों के अलावा बाहर से मूर्तियां मंगाकर बेचने वालों के भी चेहरे खिले रहे.
ग्रामीण क्षेत्र के मूर्तिकारों में रहा उत्साह
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मूर्तिकार है जिनके द्वारा छोटी प्रतिमाएं बनाई जाती है. महावीरपुर में छोटी मूर्तियों के अलावा तीन से चार फीट ऊंची प्रतिमाएं भी बनाई जाती है. वहीं गोठानों में भी महिला स्वयं सहायता समुहों के द्वारा मिट्टी की छोटी प्रतिमाएं बनाई गई. शहर में ग्रामीण इलाकों से भी प्रतिमा लेकर मूर्तिकार पहुंचे. गोठानों में बनी प्रतिमाएं भी हाथों हाथ बिकी.
10 से 15 फीसदी का इजाफा
मूर्तिकारों के मुताबिक पिछले साल जिन प्रतिमाओं की कीमत एक हजार रूपए थी. इस बार उन प्रतिमाओं की कीमत सजावटी वस्तुओं का भाव बढ़ने से 10 से 15 फीसदी अधिक करनी पड़ी. दुर्गा बाड़ी देवीगंज रोड में पिछले कई वर्षों से प्रतिमा बना रहे सचिन मंडल ने बताया कि इस वर्ष डीजल का भाव बढने के कारण मिट्टी भी मंहगी मिली जबकि सजावटी वस्तुएं कोलकाता से मंगाई जाती है. इस बार इन वस्तुओं की कीमत में भी लगभग 10 फीसदी की बढ़ोतरी रही.
5 फीट से अधिक ऊंची प्रतिमाओं की मांग रही अधिक
अम्बिकापुर शहर के देवीगंज रोड़ दुर्गा बाड़ी के अलावा बनारस मार्ग गांधी नगर में भी बड़े मूर्तिकार है. जिनके द्वारा बड़े पैमाने पर मूर्तियां बनाई जाती है. मूर्तिकार सचिन मंडल, गांधीनगर के संजीव, रमेश ने बताया कि इस बार गणेश उत्सव के लिए तीन महीना पहले से ही प्रतिमाओं की बुकिंग शुरू हो गई थी. मांग बढ़ने पर उनके द्वारा प्रतिमाओं की संख्या भी बढ़ा दी गई. ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग बुकिंग के लिए आए थे. समितिओं द्वारा बड़ी प्रतिमाओं की मांग करने पर उनके द्वारा पांच फीट से ऊंची प्रतिमाएं लगभग 1 हजार से अधिक बनाई गई जो हाथों हाथ बिक गई. छोटी प्रतिमाओं की मांग भी रही, स्थापना के दिन मंगलवार को भी ग्राहक आते रहे.
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh: अकलतरा नगर पालिका में बर्तन बांटने में अनियमितता, दो कर्माचारी हुए बर्खास्त