Gaurella-Pendra-Marwahi News: प्रेम में दीवानी पत्नी ने अपने आशिक के साथ मिलकर अपने पति की सुपारी देकर हत्या कराई और हत्या को छिपाने के लिए हादसे का रूप देने का प्रयास किया. अब इस बहुचर्चित सुपारी किलिंग हत्याकांड में प्रेमी, सुपारी किलर सहित पांच दोषियों को आजीवन कारावास और आरोपी पत्नी और उसके भाई को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है.


दरअसल, मामला गौरेला थानाक्षेत्र के हर्राटोला गांव का, 15 अगस्त 2020 का है. जहां मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के जैतहरी के कदमसरा के रहने वाले दुर्गेश पनिका की लाश गौरेला-शहडोल अंतरराज्यीय मार्ग पर पड़ी मिली थी. जिसको हादसे का रूप देने का प्रयास किया गया था, पर सिर पर चोट के निशान के चलते गौरेला थाना में हत्या का अपराध दर्ज किया था.


इसमें खुलासा हुआ था कि मृतक की पत्नी कामता पनिका का अपने पति दुर्गेश से शादी के बाद से ही संबंध अच्छा नहीं था और उसका पेंड्रा के आमाडांड के रहने वाले तीरथ काशीपुरी से प्रेम संबंध था. दोनों के बीच फोन पर अक्सर बात होती और शारीरिक संबंध भी बने. कामता ने इसी बीच प्रेमी का परिचय अपने पति से अपने दूर के रिश्तेदार होने का हवाला देते हुए कराया. फिर दुर्गेश और तीरथ की दोस्ती बढ़ गयी और वह अक्सर घर आने जाने लगा. 


उधर पति पत्नी के बीच अक्सर विवाद होने लगा. इस बीच कामता ने अपने प्रेमी को पति को रास्ते से हटाने के लिए कहा. तब तीरथ ने गौरेला के रहने वाले दिलीप सारीवान को एक लाख रूपये सुपारी देकर दुर्गेश को एक्सीडेंट कर हत्या करने के लिए राजी कर लिए. तब दिलीप ने अपने तीन अन्य साथियों सहित कामता के भाई महेन्द्र को इस काम को अंजाम देने के लिए शामिल किया. योजनाबद्ध तरीके से मृतक का साला महेन्द्र उर्फ गिरधारी पनिका ने दुर्गेश को पैसा देने के नाम पर अपने घर कोरजा गांव बुलाया. 


तब मृतक अपने मामा की बाईक लेकर निकला, तब रास्ते में तीरथ ने दुर्गेश को शराब पीने के लिए बुलाया और अंजनी गांव के बरगंडा प्लांट में शराब पिलाकर तीरथ ने दिलीप सारीवान और तीन अन्य के साथ मिलकर जैकरॉड से मारकर हत्या कर दी और लाश को माजदा वाहन में ले जाकर शहडोल रोड में फेंक दिया. तब एक लाख की सुपारी में से बीस हजार रूपये तीरथ ने आरोपियों को दिया और बाकी रकम बाद में देने को कहा और प्रेमिका को काम होने की जानकारी दी. 


इस मामलें में एक्सीडेंट की सूचना पर पहुंची पुलिस को सिर पर चोट का निशान संदिग्ध लगा और मामा की रिपोर्ट तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्या का मामला कायम करते हुए पुलिस ने बाद में कॉल डिटेल तथा मोबाइल टॉवर लोकेशन और आरोपियों की आपस में हुई बातचीत के आधार पर सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया. 


जहां अपर सत्र न्यायाधीश किरण थवाईत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए सात में से पांच आरोपियों, जिनमें प्रेमी तीरथ काशीपुर निवासी आमाडांड पेंड्रा, दिलीप सारीवान निवासी पतेराटोला गौरेला, जयप्रकाश यादव निवासी सिंचाई कॉलोनी गौरेला, पवन सिंह मार्को निवासी पतेराटोला गौरेला, रितेश वर्मा उर्फ कलेजी निवासी लिंगियाडीह बिलासपुर को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास तथा एक हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. 


वहीं धारा 120-बी के अपराध में मृतक की पत्नी कामता पनिका निवासी जैतहरी और उसके भाई महेन्द्र उर्फ गिरधारी पनिका निवासी कोरजा गौरेला सहित उपरोक्त सभी पांच आरोपियों को भी दस-दस साल के सश्रम कारावास की सजा तथा एक हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड की अदायगी की चूक में 6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी. इस मामले में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोनक पंकज नगाईच ने की.


इस मामले में स्पेशल एडीजे किरण थवाईत ने मृतक के आश्रित माता-पिता को मृतक की मौत के बाद मृतक के आश्रितों को पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत समुचित प्रतिकर प्रदान करने के लिए आदेश की कॉपी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर को भेजने के निर्देश दिए हैं.


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