Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में गौठानो को किया जा रहा मॉडर्न, बड़े पैमाने पर महिला समूह करेंगे खेती
Chhattisgarh Gauthan: छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा चलाई जा रही नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत गौठानो में ग्रामीण स्तर पर आर्थिक विकास करने का सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
Chhattisgarh Government News: छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा चलाई जा रही नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत गौठानो में ग्रामीण स्तर पर आर्थिक विकास करने का सरकार लगातार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा इन दिनों प्रदेश के जिलों का दौरा करके सरकार की योजनाओं में और बेहतर करने के लिए संभावनाए तलाश रहें है और जरूरी निर्देश भी दे रहें हैं. जिलों के ग्रामीणों और महिलाओं को अजीविकामुलक कार्यों से जोड़ा जा रहा है. जिसके तहत अब दुर्ग जिले के 50 गौठानो से सबंधित बाड़ियों को मॉर्डन बाड़ियों के रूप में बदला जाएगा.
50 बाड़ियो को मॉर्डन बाड़ियो के रूप में किया जायेगा डेव्हलप
कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने शीघ्र ही 50 बाड़ियों को मॉडर्न बाड़ी के रूप में डेव्हलप करने के लिए उद्यानिकी, कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं. जिस पर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने जिले में संचालित बाड़ियों के साथ नवीन बाड़ियों का चिन्हांकन कर बाड़ियों को समूह में बांटकर ड्रैगन , फ्रुट, पपीता, हाइब्रिड अमरूद, केले जैसे फल और सब्जियों का उत्पादन एक बड़े स्तर पर करने का सुझाव रखा जिस पर कलेक्टर ने सहमति दी. ताकि बाड़ी के कार्य से जुड़े स्व सहायता समूहों की महिलाओं को एक वृहद स्तर पर लाभ पहुंचाया जा सके. इसके लिए समूह की दीदियों को ट्रेनिंग फल और सब्जियों के बीज और मार्केट उपलब्ध कराया जाएगा.
गौठानो 6 आजीविका मुलक काम किये जा रहे है
इसके अलावा गौठानों के कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए जिले में गोबर की खरीदी बढ़ाने के लिए पशु पालकों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने, पंजीकृत करने, गौठानों में कम से कम 6 आजीविका मूलक गतिविधियों को चलाने, नरवा को लेकर बेहतर कार्य करने, छोटे नालों को पुर्नजीवित करने, बारहमसी नालों में मछली पालन और सिंघाड़ा, कमल, मखाने, तरबूज के उत्पादन लेंने की तैयारी भी की जा रही है.
महिला समूह गौठानो में उगा रहे सब्जियां
दुर्ग जिले में 288 गौठानो का निर्माण किया गया है. जिसमें 10 मॉडल गौठान हैं. इन गौठानो में वर्मीकम्पोस्ट निर्माण के अलावा यहां महिला समूहों को बड़ियों के लिए भूमि उपलब्ध कराया गया है. जिनमे महिलाएं सब्जी उत्पादन कर रहीं हैं. इसके लिए सोलर पंप भी पंचायतों द्वारा लगाया गया है. इन बाड़ियों में ही गौठानों के पशुओं के लिए चारा लगाया जाता है. जिससे पशु खेतों के फसल को नुकसान से ना पहुंचाएं. इससे पहले भी महिला समूहों द्वारा बाड़ी में ब्रोकली और हल्दी, गोभी, कद्दू की खेती शुरू की गई थी. इसके साथ ही गौठान में मशरूम उत्पादन बकरी पालन और मुर्गी पालन जैसे काम किए जा रहे हैं. सब्जी उत्पादन से महिलाओ को अच्छी आमदनी भी हो रही है.