Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने वाले है. इस लिए राज्य की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टी बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच जमकर सियासत चल रही है. बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के फ्लैगशिप योजना गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay yojana) के तहत चलाए जा रहे गोठान प्रोजेक्ट पर 1300 करोड़ रुपए के घोटाले का दावा किया है. तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों का पलटवार करते हुए रमन राज में 1600 करोड़ रुपए का गौशाला घोटाला का आरोप लगा दिया है. यानी 'ईंट का जवाब' पत्थर से देने की राजनीति छत्तीसगढ़ में चल रही है.


बीजेपी का आरोप- 1300 करोड़ रुपए का घोटाला


दरअसल बीजेपी के नेता पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस सरकार में बनाई गई गोठान का निरीक्षण कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव समेत सभी दिग्गज नेता गांव गांव घूमकर गोठान देखने जा रहे हैं. बीजेपी के नेता दावा कर रहे हैं कि गोठान में कोई जानवर है न ही गोबर खरीदी की कोई व्यवस्था की गई है. खाद बनाने की टंकी में घास उगी मिल रही है. यहां कोई भी गतिविधि नहीं है गोठान बंजर पड़ा हुआ है. बीजेपी ने दावा किया कि मनरेगा का पैसा गोठान घोटाले की भेंट चढ़ गया है.


कांग्रेस ने बीजेपी पर किया पलटवार


बीजेपी के आरोपों को कांग्रेस ने खंडन किया किया है. इसके साथ कांग्रेस बीजेपी की तत्कालीन सरकार पर गौशालाओं के नाम पर घोटाले का आरोप लगाया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने दावा करते हुए कहा कि रमन राज में गौशालाओं के नाम पर 1677.67 करोड़ रुपये बीजेपीईयों ने गौशाला के नाम पर डकारा. रमन राज में 15 साल में 17 हजार से अधिक गायों की मौतें भूख से, बिना चारा पानी के तड़प कर हुई है. शुक्ला ने ये भी कहा कि कांग्रेस गोसेवा कर रही है तो बीजेपी को इसमें भी पीड़ा हो रही और बीजेपी गोठानों को बदनाम करने के लिये अभियान चला रही है.


क्या है गोधन न्याय योजना?


आपको बता दें कि राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में 10 हजार के आस पास गोठान बनाया जा रहा है. इसमें से अधिकांस गोठान बनाए जा चुके है और इन गोठानो में सरकार 2 रुपए प्रति किलो में पशुपालकों से गोबर खरीदी करती है. कुछ आत्मनिर्भर गोठान में गोमूत्र की खरीदी 4 रुपए प्रति लीटर में खरीदारी की जा रही है. इससे गोठान समूह की महिलाएं तरह तरह के प्रोडक्ट बनाकर आए अर्जित कर रही हैं. इस योजना की चर्चा पूरे देश में हो रही है. इसका चुनावी असर भी लगातार देखने को मिल रहा है.


गोधन न्याय योजना का कितना बड़ा है चुनावी असर


दरअसल गोधन न्याय योजना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनावी स्कीम है. इसी स्कीम के जरिए कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों में सरकार बनाने की रणनीति बनाती है. यूपी विधानभसा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ के गोधन न्याय योजना को लागू करने का वादा किया था. इसके साथ हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में गोबर खरीदी का वादा किया गया है. दोनो राज्यों में कांग्रेस ने सरकार बनाई है. इस लिए राजनीतिक पंडितों का मानना है कि कांग्रेस के गोबर खरीदी स्कीम पर बीजेपी अटैक कर रही है. इसका चुनाव पर असर हो सकता है. 


सीएम ने कहा- गोठान में गर्मी के समय मवेशी नहीं रहते है


बीजेपी के गोठान चलबो अभियान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी तंज कसा है. सीएम भूपेश बघेल ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बड़ी बड़ी कार में घूमने वाले , उनके कार में विदेशी कुत्ते रहते है. चुनाव आ गया, तो गोठान जा रहे है. अब वो गाय गरुआ को क्या समझेंगे? गाय पर राजनीति न करें. सीएम ने आगे कहा कि बीजेपी गोठान और गौशाला में अंतर नहीं समझती है. गोठान में गर्मी के समय मवेशी नहीं रहते है. विपक्ष के लोगों को गोठान जाकर अच्छी सलाह देनी थी. एक दिन गोठान जाकर बता दिया करोड़ो का घोटाला हो गया. उन लोगों ने घोटाले की स्क्रिप्ट तैयार कर ली है, जो गौठनो में जाकर पढ़ रहे है.


बीजेपी ने पूछा- 'कांग्रेस गर्मी में गाय को हिल स्टेशन भेज देती है क्या'


इसके जवाब में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल पूछा कि तो क्या कांग्रेस गर्मी में गाय को हिल स्टेशन भेज देती है. साव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आखिरकार अपने बयान से स्वीकार किया कि गोठान में गाय नहीं है. इसका मतलब अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि बीजेपी घोटाले के जो भी आरोप लगा रही है वह सही है और मुख्यमंत्री ने भी उसे स्वीकार किया है. अगर गाय नहीं रहती है तो शेड क्यों बनाया गया? सरकार गर्मी के दिनों में गोबर खरीदे के दावे करती है मतलब गोबर में उन्होंने बड़े पैमाने पर घोटाला किया है.


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