Chhattisgarh News: आरक्षण पर सरकार और राजभवन में टकराव जारी, सीएम बघेल ने दी 3 जनवरी को बड़ी रैली की चेतावनी
छत्तीसगढ़ में आरक्षण बिल पर सरकार और राजभवन में टकराव जारी है. इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3 जनवरी को बड़ी रैली करने की चेतावनी दे डाली है.
छत्तीसगढ़ आरक्षण विधेयक पर सियासी घमसान जारी है. पिछले एक महीने से राज्य शासन और राजभवन के बीच टकराव जारी है. इसी बीच कांग्रेस ने एक बड़ा फैसला लिया है. कांग्रेस 3 जनवरी को राजभवन के खिलाफ बड़ी रैली करने जा रही है. इसकी चेतावनी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया है. वहीं राजभवन पर संवैधानिक अधिकार को कमजोर करने का आरोप लगाया है.
3 जनवरी को रायपुर में कांग्रेस की बड़ी रैली
दरअसल सोमवार को राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस की एक बड़ी बैठक हुई है. इस बैठक में पहली बार प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा भी शामिल हुई है. बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत के दौरान आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल पर हमला बोला है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आरक्षण विधेयक को राज्यपाल लगातार टालने का बहाना ढूंढ रही है. विधानसभा में सर्वसम्मति से आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पारित हुआ है. सीएम ने कहा कि राज्यपाल के इगो सेटिस्फाई के लिए अधिकारियों के मना करने के बावजूद मैने जवाब भेजा है. ऐसा कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है. लेकिन छत्तीसगढ़ के जनता के लिए हमने जवाब भेजा है.
राजभवन पर वैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके आगे राजभवन पर वैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का विधिक सलाहकार है वह विधानसभा से बड़ा हो गया? वैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने या नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है. यह जिता जागता उदाहरण है. राहुल गांधी कहते हैं कि जितने संवैधानिक संगठन है उसको कमजोर किया जा रहा है. वहीं विधेयक के परीक्षण के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये तो कोर्ट का काम है. कोर्ट में परीक्षण होगा.
76 प्रतिशत आरक्षण पर विवाद जारी है
गौरतलब है 19 सितंबर को बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य में 58 प्रतिशत आरक्षण को निरस्त कर दिया था. इसके बाद आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. रोजाना सड़कों पर प्रदर्शन होने लगे तब सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 2 दिसंबर को राज्य में एसटी ओबीसी और जनरल का आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पारित किया. इसके बाद राज्य में आरक्षण का प्रतिशत 76 प्रतिशत हो गया. लेकिन राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी है. इसके बाद सरकार और राजभवन के बीच टकराव जारी है.
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