Bastar News : इंटरनेट और सूचना क्रांति का असर छत्तीसगढ़ के बस्तर के सरकारी अस्पतालों में भी अब देखने को मिलेगा. यहां आने वाले मरीजों की जानकारी अब ऑनलाइन की जाएगी. मरीजों की जानकारी ऑनलाइन हो जाने से अब मरीजों को पर्ची पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जिले के प्रमुख अस्पतालों सहित जिले के सभी ब्लॉक में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों का डाटा ऑनलाइन कर दिया जाएगा.
मरीजों के लिए होगा आईडी जनरेट
दरसअल इस व्यवस्था के तहत मरीजों की एक आईडी जेनरेट होगी. जिसमें मरीजों को दी जाने वाली डॉक्टरों द्वारा ट्रीटमेंट और दवाइयों की जानकारी ऑनलाइन रहेगी. इसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा. डॉक्टर बदलने पर पूर्व में डॉक्टर द्वारा दिए गए ट्रीटमेंट की जानकारी सुलभ रहेगी. इसके अलावा अगर किसी भी स्थिति में मरीज को रेफर किया जाता है. ऐसे में भी मरीज एवं परिजन कागजों से निजात पाएंगे और ऑनलाइन ही दूसरे अस्पताल को यह मरीज से संबंधित जानकारी उपलब्ध हो जाएगी.
डिमरापाल जिला अस्पताल से होगी शुरुआत
दरअसल देखा जा रहा था कि मरीजों को अस्पताल में पर्ची दिए जाने के दौरान पर्ची को गुमा देते थे. ऐसे में उनके साथ-साथ डॉक्टरों को भी परेशान होना पड़ता था, लेकिन अब अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अस्पताल प्रबंधन के द्वारा आईडी जेनरेट करने से काफी फायदा मरीजों को मिलेगा. साथ ही उन्हें सही समय पर इलाज के साथ-साथ सारी परेशानियां भी दूर होगी. अस्पताल अधीक्षक टिकू सिन्हा ने बताया कि इसके लिए सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं और आने वाले दो-तीन दिनों में इसकी शुरुआत भी हो जाएगी.
आईडी में होगी मरीज से संबधित जानकारी
अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि राज्य शासन से आदेश मिलने के बाद डिमरापाल अस्पताल में यह प्रक्रिया तेजी से की जा रही है, ताकि जल्द से जल्द मरीजों को आईडी का लाभ मिल सके. अधीक्षक का कहना है कि कुल मिलाकर मरीजों को त्वरित इलाज और पर्ची से हो रही समस्या को देखते हुए इस तरह की पहल राज्य सरकार द्वारा की जा रही है. निश्चित रूप से इस आईडी से मरीजों को इलाज संबंधी फायदा मिलेगा. साथ ही डॉक्टर भी इस आईडी के माध्यम से मरीज की पूरी जानकारी रखने के साथ त्वरित इलाज भी कर सकेंगे ताकि मरीजों को सही समय पर ट्रीटमेंट मिल सके.
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