महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच CBI को सौंप सकती है छत्तीसगढ़ सरकार, जानें डिप्टी सीएम ने क्या कहा?
Mahadev Satta: छत्तीसगढ़ सरकार महादेव सट्टा घोटाले मामले को सीबीआई को सौंपने पर विचार कर रही है. गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जा सकता है.
Hand Over Probe of Mahadev Satta: छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले के संबंध में दर्ज मामलों को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने पर विचार कर रही है. राज्य के गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे शर्मा ने कहा कि सरकार राज्य के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) और राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंपने पर विचार कर रही है.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिक जानकारी अगले कुछ दिनों में साझा की जाएगी. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मामले को सीबीआई को सौंपने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ 23 अगस्त से शुरू होने वाले छत्तीसगढ़ के तीन दिवसीय दौरे के दौरान चर्चा की जा सकती है.
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पिछले एक साल से अधिक समय से राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामले की जांच कर रहा है. नवनिर्वाचित भाजपा सरकार में राज्य के ईओडब्ल्यू ने इस साल मार्च में ईडी द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट के आधार पर कथित घोटाले में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के साथ ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी, अनिल कुमार अग्रवाल और 14 अन्य को ईओडब्ल्यू की प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है. रायपुर और दुर्ग जिलों सहित राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में सट्टेबाजी ऐप से जुड़े लगभग 70 मामले भी दर्ज किए गए हैं.
ईडी ने महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब तक रायपुर की अदालत में तीन अभियोजन शिकायतें (चार्जशीट) दायर की हैं. ईडी ने इस मामले में राज्य में पहले भी कई छापे मारे हैं. ईडी ने पहले भी कहा है कि महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप में उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है.
छत्तीसगढ़ ही वह राज्य है जहां से ऐप के दो मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल आते हैं. इसमें कहा गया था कि ऐप एक 'अम्ब्रेला सिंडिकेट' है, जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता की आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के माध्यम से धन शोधन करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की व्यवस्था करता है. ईडी ने इस मामले में अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.
बताया जाता है कि ऐप के दो मुख्य प्रमोटरों को ईडी द्वारा अनुरोधित इंटरपोल रेड नोटिस के आधार पर दुबई में हिरासत में लिया गया है. ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग छह हजार करोड़ रुपये है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शाह सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं ने पिछले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के दौरान महादेव ऐप मामले को लेकर भूपेश बघेल पर निशाना साधा था. बघेल ने इससे पहले महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में राज्य के ईओडब्ल्यू द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को राजनीति से प्रेरित बताया था.
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