दुर्ग : देशभर में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है. हर साल इस मौके पर दिल्ली में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भारत सरकार (Health and Family Welfare Department) द्वारा सम्मान समारोह किया जाता है. इस समारोह में जिस राज्य ने मलेरिया की रोकथाम के लिए सबसे बेहतर काम किया उसे सम्मानित किया जाता है. इस बार देश में सर्वश्रेष्ठ मलेरिया नियंत्रण के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को सम्मानित किया जाएगा.

 

छत्तीसगढ़ को मिलेगा बड़ा सम्मान

केेन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा 25 अप्रैल को नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ राज्य को प्रदेश में मलेरिया के मामले में आई गिरावट के लिए सम्मानित किया जाएगा. छत्तीसगढ़, देश के उन राज्यों में से एक है जहां मलेरिया उन्मूलन के क्षेत्र में पूरे देश में अच्छा काम करने के कारण श्रेणी-3 से सीधे श्रेणी-1 में पहुँच गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी है.

 

बस्तर से हुई थी शुरुआत

छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जनवरी-फरवरी 2020 में बस्तर संभाग के सातों आकांक्षी जिलों में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के पहले चरण की शुरआत की थी. मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की सफलता को देखते हुए पूरे प्रदेश को मलेरिया मुक्त करने के लिए मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरूआत की गई. अब तक प्रदेश में बस्तर संभाग में इस अभियान के 5 चरण व अन्य संभागों में 2 चरण संचालित किए गए हैं.

 

मलेरिया पर जबर्दस्त वार


मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के 5 चरणों में अब तक प्रदेश में कुल 87 लाख 84 हजार 271 लोगों की मलेरिया जांच की गई है. अभियान से मलेरिया के मामलों में छत्तीसगढ़ में 62.5 प्रतिशत की गिरावट आई है. वहीं प्रदेश में मलेरिया टेस्ट पॉजिटिविटी दर क्रमशः 4.60 प्रतिशत से घटकर 0.79 प्रतिशत पर आ गई है. जो वाकई इस राज्य के लिए गर्व की बात है.



 

ऐसे सबसे आगे निकला छत्तीसगढ़

इन अभियानों में मितानिनों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे बस्तर के पहुंच विहीन, दुर्गम एवं दूरस्थ इलाकों में घर-घर पहुंचकर सभी लोगों की आरडी किट से मलेरिया की जांच की गई. पॉजिटिव पाए गए लोगों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खाद्य पदार्थ खिलाकर तत्काल मलेरिया के इलाज के लिए दवाई का सेवन चालू किया गया. मितानिनों की निगरानी में उन्हें दवाईयों की पूरी खुराक खिलाई गई. मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के प्रभाव से एपीआई यानि प्रति एक हजार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीजों की संख्या में बड़ी कमी आई है.

 

छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में मलेरिया एपीआई जहां 2.63 थी. वह वर्ष 2021 में घटकर 0.92 रह गई है. अभियान से मलेरिया उन्मूलन के साथ ही एनीमिया और कुपोषण को खत्म करने तथा शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिली है.

 

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