रायपुर के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है. जिसकी जमकर तारीफ हो रही है. एक 60 साल के मरीज का एऑर्टा फट गया था. जिसके चलते मरीज का ब्लड प्रेशर बढ़ गया था. जिसका इलाज डॉक्टरों ने किया और अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं. दरअसल एक 60 वर्षीय पेशेंट का एऑर्टा हार्ट से निकलने के कुछ दूर आगे ही फट गया था. इसके चलते मरीज में हालत बिगड़ गई थी. पेशेंट का यूरिन जाना बंद हो गया था, ब्लड प्रेशर 200/140 हो गया. उसी स्थिति पर प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज को कह दिया कि हम अब कुछ नहीं कर सकते आप मरीज ले जाइए.


इसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और मेकाहारा के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के कार्डियोलॉजी विभाग के जूनियर डॉक्टरों ने महाधमनी विच्छेदन की गंभीर स्थिति में आए पेशेंट का ट्रांस क्यूटेनियस एओर्टिक रिपेयर नामक कार्डियक प्रोसीजर के जरिए हार्ट को नया जीवन दिया है. 


मरीज को क्या हुआ था?


एसीआई के रेसिडेंट डॉ. अनन्या दीवान ने बताया कि पेशेंट का एऑर्टा (महाधमनी) हार्ट के निकलने से कुछ दूर पहले ही फट गया था. उसके अंदर का एक फ्लैप फटकर बायीं जांघ के अंदर चला गया था. फ्लैप जब फटता है तो उसके अंदर का एक ल्यूमेन जोकि नलिकामय संरचना के अंदर की जगह जिसमें से खून और भोजन का प्रवाह होता रहता है. लेकिन उसके फटने के बाद बाहर की दीवार की ओर दूसरा ल्यूमेन बन जाता है. जहां फट गया है.


वहां ब्लड भरता है और वह ब्लड ट्रू ल्यूमेन यानी वास्तविक ल्यूमेन को बंद कर देता है. वास्तविक ल्यूमेन से ही किडनी की नसों, आंतों की नसों और पैरों की नसों तक खून का प्रवाह होता है और बंद होने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. इस मरीज का ब्लड प्रेशर 200/150 पर पहुंच गया था. किडनी ने यूरिन बनाना बंद कर दिया था.


200 के प्रेशर में नस का फ्लैप उखड़ा


गौरतलब है कि पेशेंट 20 नवंबर की रात को अंबेडकर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में पहुंचा वहां पर एसीआई के रेसिडेंट  उसके बाद दोनों रेसिडेंट डॉक्टर ने ब्लड प्रेशर डाउन करने की दवा शुरू की. धीरे-धीरे ब्लड प्रेशर को नीचे लाया क्योंकि बढ़े हुए ब्लड प्रेशर के कारण नस का फटना और बढ़ जाता है.  200 के प्रेशर में नस का जो फ्लैप उखड़ा है उसको धीरे- धीरे प्रेशर ही घटते जाता है. उसके बाद दोनों डॉक्टर ने खूब मेहनत करके मरीज के ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया. दवाइयों की मदद से ब्लड प्रेशर 130/80 के करीब ला कर रखा गया. उसके बाद मरीज का यूरिन आने लगा.


कैसे हुआ ऑपरेशन


महाधमनी विच्छेदन को इलाज के ज़रिए ठीक करने के दो तरीके होते हैं. पहला छाती को गले से लेकर जांघ तक खोलकर एऑर्टा को रिपेयर करना. वहां पर नया एऑर्टा लगाकर ग्राफ्ट लगाकर नया पाइप लगाना. दूसरा उपाय रहता है पैर में जहां पर नस फटी है उस पैर में दूसरे पैर से एक तार डालकर एक कपड़े लगा हुआ स्टंट, जिसको कवर्ड स्टंट कहते हैं, उस कवर्ड स्टेंट से जो छेद है जहां पर रिसाव हुआ है और दीवार फटी है उसको प्लास्टर कर दें और उसे स्टंट से ब्लड सप्लाई चालू हो जाये.


हमने इसी विधि से प्रोसीजर करने का निर्णय लिया. वहीं मरीज के परिजनों ने भी इसी विधि से उपचार कराने के लिए सहमति दे दी. हमने मरीज को टेबल पर लिया. संयोगवश उसी दिन एक और महिला मरीज आ गयी लेकिन इस मरीज की छाती की एऑर्टा फटी थी. दोनों पेशेंट की फटी हुई महाधमनी को कवर स्टेंट से रिपेयर किया. 


कैसे होता है प्रोसीजर


पैर की नस से एक पाइप डाला, कैथेटर डाला और उस कैथेटर के द्वारा स्टंट को उस जगह तक पहुंचाया जहां पर एऑर्टा फटी हुई थी. स्टंट को वहां पर फुलाया और स्टंट को छोड़ दिया तो जो फटी हुई दीवार थी वह स्टंट से दब गई और ब्लड का रिसाव बंद हो गया. पेशेंट का ब्लड प्रेशर टेबल पर ही नॉर्मल होना चालू हो गया. पेशेंट आज ठीक हो गए. दोनों ने चलना शुरू कर दिया. सोमवार तक दोनों की अस्पताल से छुट्टी हो जाएगी.


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