बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में शासकीय उद्यान रोपणी सरकण्डा और बिल्हा में सब्जी एवं पुष्प के थरहा पौधे तैयार करने के लिए सरकार द्वारा प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट की स्थापना की गई है. प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट के माध्यम से जिले के विभिन्न विकासखण्डों के उन्नतशील किसानों को रियायती दर पर सब्जियों एवं पुष्प के थरहा पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं. प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट में तैयार किए गए पौधे अन्य माध्यमों से तैयार थरहा पौधों के तुलना में रोग-रहित, स्वस्थ तथा अधिक उत्पादन देने वाले होते हैं.


किसानों की बढ़ी आमदनी


जिले के किसानों द्वारा यूनिट से प्राप्त थरहा पौधे से अधिक मात्रा में उत्पादन कर आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है. इस प्रकिया के माध्यम से सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि हुई है. जिससे किसानों की आमदनी बढ़ी है और उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है. वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट से मिले लाभ के कारण संभाग के अन्य जिलों में भी इसकी स्थापना के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है.


थरहा पौधों में है फ़ायदा...


गौरतलब है कि प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट के माध्यम से तैयार थरहा पौधों में अकुंरण का प्रतिशत अन्य माध्यमों के तुलना में अधिक होता है. जहां परम्परागत रूप से तैयार पौधों में अंकुरण 60 से 65 प्रतिशत होता है. वहीं सिडलिंग यूनिट के माध्यम से तैयार थरहा पौधों में अंकुरण लगभग 95 प्रतिशत होता है. इस यूनिट में तैयार किए गए थरहा पौधों को रोपित करने पर लगभग 80 से 90 प्रतिशत पौधे जीवित रहते है.


किसान ऐसे ले सकते हैं थरहा पौधे


बिलासपुर जिले के किसानों को यूनिट के माध्यम से रियायती दर पर ज्यादा से ज्यादा थरहा पौधे उपलब्ध हो सके. इसके लिए किसानों को शासन द्वारा सुविधा दी गई है. जिले के किसान स्वयं बीज खरीदकर थरहा पौधे उत्पादन के लिए यूनिट प्रभारी को उपलब्ध करा सकते है. इसके लिए किसानों को 60 पैसे प्रति पौधे की दर शुल्क भुगतान करना होगा. स्वयं का बीज उपलब्ध नहीं कराने पर भी किसान प्रति पौधे 1 रूपये की दर से शुल्क जमाकर सिडलिंग यूनिट से थरहा पौधे प्राप्त कर सकते है. जिले के किसान इस यूनिट से आवश्यकता एवं मांग के अनुसार हर सीजन में लगाई जाने वाली सब्जियों एवं पुष्पों के थरहा पौधे प्राप्त कर सकते हैं.


ये भी पढ़ें


Bihar Liquor Ban: अपराध का 'डबल डोज', पहले सरकारी जमीन पर किया कब्जा, फिर उसी पर कर रहे थे अवैध शराब का धंधा


Bihar Liquor Ban: अपराध का 'डबल डोज', पहले सरकारी जमीन पर किया कब्जा, फिर उसी पर कर रहे थे अवैध शराब का धंधा