छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, दिवंगत मीसा बंदियों का राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार ने आपातकाल के दौरान मीसा के तहत जेल में रहे लोगों के निधन पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है.
Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है, राज्य में मीसा के तहत जेल में रहे लोगों के लिए बड़ी घोषणा की गई है. राज्य में लगभग 350 'लोकतंत्र सेनानी' हैं. इस साल फरवरी में सरकार ने मीसा बंदियों के लिए पेंशन योजना को भी बहाल किया, जिसे 2019 में रोक दिया गया था.
छत्तीसगढ़ सरकार ने आपातकाल (1975-77) के दौरान मीसा (आंतरिक सुरक्षा अधिनियम) के तहत जेल में रहे लोगों के दिवंगत होने के बाद उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बैठक
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां ‘मंत्रालय’ (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण (मीसा/डी.आई.आर. राजनीतिक या सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि नियम 2008 में संशोधन का अनुमोदन किया है.
छत्तीसगढ़ में लगभग 350 ‘लोकतंत्र सेनानी’ हैं
उनके मुताबिक, इसके तहत दिवंगत ‘लोकतंत्र सेनानियों’ की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी और अंत्येष्टि के लिए उनके परिवार को 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग 350 ‘लोकतंत्र सेनानी’ हैं. इस साल फरवरी की शुरुआत में नवनिर्वाचित बीजेपी सरकार ने मीसा बंदियों के लिए पेंशन योजना को बहाल कर दिया था. इस योजना को 2019 में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान रोक दिया गया था.
प्रत्येक माह मिलती है पेंशन
उन्होंने बताया कि ‘लोकतंत्र सेनानियों’ के लिए पेंशन योजना राज्य में पहली बार 2008 में बीजेपी शासन के दौरान शुरू की गई थी. अधिकारियों ने बताया कि ‘मीसा बंदियों’ को तीन अलग-अलग श्रेणियों में 10 हजार रुपये से 25 हजार रुपये प्रति माह तक पेंशन दी जाती है.
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