Chhattisgarh News: धान खरीद में बायोमेट्रिक सिस्टम की अनिवार्यता पर रोक के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र, बताई ये परेशानी
Chhattisgarh Paddy Procurement: छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल बायोमेट्रिक धान खरीदी लागू नहीं करने का आग्रह किया है. प्रदेश सरकार के मुताबिक इससे दूरदराज के किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
Chhattisgarh Biometric Paddy Procurement: छत्तीसगढ़ में आने वाले दिनों में धान खरीदी को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. केंद्र सरकार ने इस बार धान खरीदी बायोमेट्रिक सिस्टम से करने का निर्देश जारी किया है, तो वहीं छत्तीसगढ़ सरकार धान खरीदी के नए निर्देशों को इस साल लागू न करने को लेकर केंद्र सरकार से आग्रह कर रही है. प्रदेश सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है. प्रदेश सरकार ने तर्क दिया है कि बायोमेट्रिक सिस्टम लागू होने से छत्तीसगढ़ के दूरदराज और अंचल क्षेत्रों में रहने वाले किसानों को धाने बेचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति के चलते सुदूर और दुर्गम अंचलों के किसानों को बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू होने से धान बेचने में होने वाली परेशानी को देखते हुए, केंद्र सरकार से बायोमेट्रिक सिस्टम को इस वर्ष लागू न किए जाने का अनुरोध किया है. केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 से खाद्यान्न उपार्जन में बायोमेट्रिक सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है. इस सिस्टम को प्रदेश के वनांचल और पहाड़ी क्षेत्रों में सुव्यवस्थित रूप से लागू करने में होने वाली दिक्कत के चलते किसानों को समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने में परेशानी होने की आशंका जताई जा रही है.
खाद्य विभाग के सचिव ने केंद्र को लिखा पत्र
प्रदेश में खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने भारत सरकार के खाद्य सचिव को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ प्रदेश में बायोमेट्रिक आधारित खरीफ प्रणाली को लागू करने के कारण किसानों को होने वाली कठिनाईयों का जिक्र किया है. उन्होंने कहा है कि राज्य के बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण कई इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं है, ऐसे में बायोमेट्रिक आधारित खाद्यान्न उपार्जन प्रणाली को लागू करने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. खाद्य सचिव तोपेश्वर वर्मा ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी से पहले किसानों का पंजीयन किया जाता है. पंजीयन में किसान का आधार नंबर भी होता है.
अभी क्या धान खरीदी का तरीका?
किसानों की भूमि के रकबे का सत्यापन भी 'भुईयां' सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाता है. धान खरीदी के एवज में राशि का ऑनलाईन भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में होता है. छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी और देश में सर्वश्रेष्ठ है. उन्होंने भारत सरकार के खाद्य सचिव से छत्तीसगढ़ राज्य की उक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बायोमेट्रिक खरीदी सिस्टम को अनिवार्य न करने का अनुरोध किया है.
केंद्र से पत्र का नहीं मिला जवाब
छत्तीसगढ़ के खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा द्वारा 21 जुलाई 2023 को उक्त संबंध में भेजे गए पत्र के संबंध में केंद्र सरकार से अब तक न तो सहमति मिली है न ही बायोमेट्रिक आधारित खरीदी सिस्टम में रियायत दिए जाने का भरोसा दिया गया है. धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार द्वारा बायोमेट्रिक सिस्टम की अनिवार्यता का अन्य कोई विकल्प न होने के कारण छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में इस प्रणाली को लागू किए जाने की प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस संबंध में सभी कलेक्टरों को विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.