छत्तीसगढ़ में चल रहे आदिवासी आरक्षण के मुद्दे के बीच छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके रविवार शाम तीन दिवसीय प्रवास के लिए दिल्ली रवाना हो गई हैं. वे वहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगी. अपने तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास के दौरान राज्यपाल 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात करेंगी. उम्मीद जताई जा रही है छत्तीसगढ़ आदिवासी आरक्षण को लेकर चर्चा भी हो सकती है.
दिल्ली रवाना होने से पहले राज्यपाल ने कहीं ये बात
दिल्ली रवाना होने से पहले छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने रविवार शाम मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये रूटीन दौरा है. पहले का ही प्रस्तावित दौरा था. उन्होंने बताया कि वे दिल्ली में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगी. वहीं आरक्षण विधेयक को लेकर कहा राज्यपाल ने कहा कि जब दिल्ली जाना तय हुआ था तब परिस्थिति ऐसी उत्पन्न नहीं हुई थी. लेकिन अब इस बीच में ही परिस्थितियां आई है तो मैं आरक्षण पर भी चर्चा करूंगी. राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने लीगल ओपिनियन से अपने 10 सवाल भेजे हैं. जैसे ही जवाब आएगा उस पर वे विचार करेंगी.
विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण संशोधन विधेयक किया गया था पारित
आपको बता दें कि भूपेश सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया गया था. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से विधानसभा से पारित आरक्षण संशोधन विधेयक में राज्य सरकार ने एससी के लिए 13 फीसदी, एसटी के लिए 32, ओबीसी के लिए 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस के लिए चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है. लेकिन फिलहाल ये विधेयक राजभवन में राज्यपाल के हस्ताक्षर का इंतजार कर रहा है. राज्यपाल ने अब तक इस पर दस्तखत नहीं किए हैं. उनका कहना है कि वे इस पर अभी लीगल ओपीनियन ले रही हैं.
हाईकोर्ट ने असंवैधानिक बताकर 58% आरक्षण को कर दिया था निरस्त
बता दें कि 19 सितंबर को हाईकोर्ट ने प्रदेश में 2012 से चल रहे 58फीसदी आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए इसे निरस्त कर दिया था. इसके बाद राज्य ने सरकार ने कुल 76 फीसदी आरक्षण देने का प्रविधान करते हुए विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया है.
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