Chhattisgarh News: बारिश(Rain) का महीना आते ही किसानों के चेहरे में रौनक आ जाती है. इसके साथ ही चारो तरफ हरियाली छा जाती है लेकिन बारिश का महीना अपने साथ कई तरह की बीमारियां(Diseases) भी लेकर आती है. जिससे बचना बहुत जरूरी होता है. अगर आप लापरवाही बररते है तो आपको इसका खामियाजा भी भुगतान पड़ता है. इसलिए छत्तीसगढ़ स्वास्थ विभाग(Chhattisgarh Health Department) ने बारिश में होने वाले बीमारियों को लेकर एडवाजरी जारी किया है.
बरसात में मच्छरों की संख्या बढ़ती है, इन बीमारियों का बना रहता है खतरा
जून महीने के आखरी सप्ताह तक लगभग देश के ज्यादातर हिस्सों में मानसून आ जाता है. हालांकि मानसून के शुरूआती दिनों में कभी धूप, कभी बारिश की स्थिति सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो जाती है. वातावरण में आर्द्रता की शुरूआत के साथ ही कई प्रकार के रोग भी पनपने शुरू हो जाते हैं. यह मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए भी काफी अनुकूल माना जाता है. जिसके कारण बरसात शुरू होते ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी कई तरह की मच्छर जनित बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है.
जून महीने के आखरी सप्ताह तक लगभग देश के ज्यादातर हिस्सों में मानसून आ जाता है. हालांकि मानसून के शुरूआती दिनों में कभी धूप, कभी बारिश की स्थिति सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो जाती है. वातावरण में आर्द्रता की शुरूआत के साथ ही कई प्रकार के रोग भी पनपने शुरू हो जाते हैं. यह मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए भी काफी अनुकूल माना जाता है. जिसके कारण बरसात शुरू होते ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी कई तरह की मच्छर जनित बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है.
जानिए छत्तीसगढ़ महामारी नियंत्रण के संचालक डॉक्टर सुभाष ने क्या कहा
छत्तीसगढ़ महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि बदलते मौसम के मद्देनजर सभी लोगों को अपनी सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. जरा सी भी लापरवाही आपको बीमार कर सकती है. बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, सर्दी, खांसी, उल्टी, दस्त, वायरल बुखार, फंगल इन्फेक्शन, हेपेटाइटिस और टायफाइड जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है.
छत्तीसगढ़ महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि बदलते मौसम के मद्देनजर सभी लोगों को अपनी सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. जरा सी भी लापरवाही आपको बीमार कर सकती है. बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, सर्दी, खांसी, उल्टी, दस्त, वायरल बुखार, फंगल इन्फेक्शन, हेपेटाइटिस और टायफाइड जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है.
जानिए इन जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए क्या करें
डॉ. मिश्रा ने बताया कि मानसून में कई तरह के मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि का खतरा काफी बढ़ जाता है. बारिश के दिनों में गड्ढों में भरे हुए पानी को मच्छरों के प्रजनन के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है. इस मौसम में संक्रमित मच्छरों के काटने के कारण मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है. ये दोनों ही बीमारियां गंभीर स्थिति में पहुंचने पर जानलेवा भी हो सकती हैं. इसलिए इनसे बचाव के लिए मच्छरों को पनपने से रोकना चाहिए. घर के आसपास जल जमाव नहीं होने देना चाहिए. सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए. बुखार, उल्टी, दस्त जैसी समस्या होने पर अपने मन से दवा नहीं लेनी चाहिए, बल्कि पास के स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों की सलाह से ही दवाईयां लेनी चाहिए.
डॉ. मिश्रा ने बताया कि मानसून में कई तरह के मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि का खतरा काफी बढ़ जाता है. बारिश के दिनों में गड्ढों में भरे हुए पानी को मच्छरों के प्रजनन के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है. इस मौसम में संक्रमित मच्छरों के काटने के कारण मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है. ये दोनों ही बीमारियां गंभीर स्थिति में पहुंचने पर जानलेवा भी हो सकती हैं. इसलिए इनसे बचाव के लिए मच्छरों को पनपने से रोकना चाहिए. घर के आसपास जल जमाव नहीं होने देना चाहिए. सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए. बुखार, उल्टी, दस्त जैसी समस्या होने पर अपने मन से दवा नहीं लेनी चाहिए, बल्कि पास के स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों की सलाह से ही दवाईयां लेनी चाहिए.
लोगों को यह सावधानी बरतना चाहिए
मानसून में सबसे प्रमुख बीमारियों में से एक आम सर्दी यानि कॉमन कोल्ड है. यह नम और उमस भरे मौसम में पनपने वाले वायरस की वजह से होता है. लंबे समय तक गीले कपड़े पहनने या लगातार बारिश के पानी में भीगने से सर्दी, बुखार, खांसी व फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. बरसात के मौसम में तापमान में होने वाला भारी उतार-चढ़ाव शरीर को बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बना देता है. यह मौसमी सर्दी और फ्लू का कारण बन सकता है. सर्दी और फ्लू का जोखिम कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में अधिक देखा जाता है. इनसे बचने के लिए बाहर जाते समय अपने साथ कपड़ों का एक अतिरिक्त जोड़ा रखें. एयर कंडीशनर के बजाय ताजी हवा में रहें. ताजे फल और सब्जियां खाएं तथा अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें.
मानसून में सबसे प्रमुख बीमारियों में से एक आम सर्दी यानि कॉमन कोल्ड है. यह नम और उमस भरे मौसम में पनपने वाले वायरस की वजह से होता है. लंबे समय तक गीले कपड़े पहनने या लगातार बारिश के पानी में भीगने से सर्दी, बुखार, खांसी व फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. बरसात के मौसम में तापमान में होने वाला भारी उतार-चढ़ाव शरीर को बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बना देता है. यह मौसमी सर्दी और फ्लू का कारण बन सकता है. सर्दी और फ्लू का जोखिम कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में अधिक देखा जाता है. इनसे बचने के लिए बाहर जाते समय अपने साथ कपड़ों का एक अतिरिक्त जोड़ा रखें. एयर कंडीशनर के बजाय ताजी हवा में रहें. ताजे फल और सब्जियां खाएं तथा अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें.