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Chhattisgarh: नदी-पहाड़ों को पार कर नक्सल प्रभावित गांवों में पहुंची मेडिकल टीम, दवा-मच्छरदानी बांटी
Bastar News: बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ विभाग का अमला लगातार ऐसे इलाको में पहुंचकर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रहा है, जहां पहुंच पाना किसी चुनौती से कम नहीं है.
Bastar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं होती हैं. जंगल, नदी, पहाड़ और दुर्गम रास्तों को पार कर इन गांवों तक पहुंचना पड़ता है. इन गांवों में सड़क, बिजली और पुल-पुलिया की सुविधा नहीं होने की वजह से यहां बीमार पड़ने वाले ग्रामीण देसी दवाई और झाड़-फूंक पर ही निर्भर रहते है.
पिछले कुछ दिनों से बस्तर (Bastar) के ऐसे गांवों को चिन्हित कर स्वास्थ्य विभाग की टीम कई चुनौतियों का सामना कर इन गांवों तक पहुंच रहे हैं. साथ ही लोगों को निशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराने के साथ स्वास्थ सुविधा भी दे रहे हैं.
बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ विभाग का अमला लगातार ऐसे इलाको में पहुंचकर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रहा है, जहां पहुंच पाना किसी चुनौती से कम नहीं है. इन गांवों तक पहुंचने के लिए टीम को 30 से 40 किलोमीटर पैदल चलकर और पहाड़ी रास्ते से होकर पहुंचना पड़ रहा है. टीम की ओर से बकायदा यहां शिविर लगाकर ग्रामीणों का उपचार किया जा रहा है.
दंतेवाड़ा के सुदूर और संवेदनशील क्षेत्रों में भी मेडिकल टीम पहुंच रही है. बुधवार को भी मुख्यालय से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बेंगापाल गांव के लिए स्वास्थ विभाग की टीम को करीब 20 किलोमीटर पैदल चलकर नदी और पहाड़ों को पार कर यहां पहुंचना पड़ा.
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400 लोगों के स्वास्थ्य की हुई जांच
यहां शिविर लगाकर 22 सदस्यीय मेडिकल टीम जिसमें विशेषज्ञ और मेडिकल स्टाफ शामिल हैं, उन्होंने अलग-अलग गांव से पहुंचे करीब 400 लोगों का स्वास्थ्य जांच किया. इसमें मलेरिया, टाइफाइड और अन्य बीमारी की जांच की गई. इसके अलावा मलेरिया लक्षण वाले मरीजों की लैब जांच के साथ ही निशुल्क दवाइयों और मच्छरदानी का वितरण किया गया.
ग्रामीणों को मेडिकल टीम की ओर से मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी सावधानी के बारे में बताकर जागरूक किया. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों की भी जांच की गई. शिविर में बच्चों की जांच के दौरान दो बच्चों में कुपोषण के गंभीर लक्षण दिखने के कारण उन्हें एनआरसी में भर्ती के लिए रेफर किया गया.
स्वास्थ विभाग की टीम बन रही संजीवनी
दरअसल सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित गांव में अज्ञात बीमारी से 60 लोगों की मौत का मामला सामने आने के बाद, नारायणपुर और बीजापुर के माढ़ इलाके में करीब 30 लोगों की अज्ञात बीमारी से मौत होने के बाद बस्तर में स्वास्थ विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गई है.
बकायदा इसके लिए मेडिकल टीम इन गांवों तक पहुंचने की पूरी कोशिश में लगी हुई हैं. यहां पहुंचकर लोगों की स्वास्थ्य की जांच भी कर रहे हैं. इस दौरान इस मेडिकल टीम को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन स्वास्थ विभाग की टीम बहादुरी का परिचय देते हुए बकायदा दुर्गम गांवों तक पहुंचकर ग्रामीणों तक स्वास्थ सुविधा और निशुल्क दवाइयां पहुंचा रही हैं.
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