Surguja: बिना जांच किए डॉक्टर ने फोन पर कर दिया रेफर! नवजात की बीच रास्ते ही थम गईं सांसें
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंच रहे जिससे लोगों को इलाज नहीं मिल रहा.
Surguja News: सरगुजा (Surguja) में अस्पताल कर्मचारियों की हड़ताल के असर से ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा रही हैं. इस संकट से उबारने जिन कमर्चारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है वे भी लापरवाही बरत रहे हैं. सरगुजा (Surguja) जिले के सपनादर गांव निवासी राजबहादुर यादव ने बताया कि वे मजदूरी करते हैं. उनका दो महीने का बेटा सुबह करीब 9 बजे अचानक बीमार पड़ गया. उसके मुंह से खून आने पर वे तत्काल बेटे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) लेकर पहुंचे, जहां न तो डॉक्टर थे और न ही अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद था.
तब उन्होंने आरएमए चिकित्सक को संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वे घर में हैं और अस्पताल नहीं आ सकते. राजबहादुर यादव ने बताया कि डॉक्टर के द्वारा फोन पर ही बच्चे को रेफर करते हुए अम्बिकापुर ले जाने की सलाह दे दी गई. बेटे की हालत लगातार गंभीर हो रही थी, जिससे उन्होंने किसी प्रकार परिचितों से रुपये उधार लिए और संजीवनी एंबुलेंस नहीं मिलने पर निजी वाहन से अम्बिकापुर ले जाने लगे. लेकिन रास्ते में ही बच्चे की सांसें थम गईं.
परिजनों ने लगाया यह आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया कि यदि डॉक्टर अस्पताल पहुंच मासूम का स्वास्थ्य परीक्षण कर प्राथमिक उपचार किया जाता, तो संभवतः उसे बचाया जा सकता था. परिजनों ने लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ कारवाई की मांग की. दो दिन पहले सीतापुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी दो नवजातों की मौत से स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगा था.
एस्मा की नोटिस भी हुई बेअसर
विभिन्न मांगों को लेकर सरगुजा जिले के लगभग 325 स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं. हड़ताली कर्मियों को 24 घंटे के भीतर काम पर वापस लौटने का निर्देश दिया गया था जिसके बाद लगभग 25 स्वास्थ्य कमर्चारी वापस काम पर लौट गए, जबकि तीन सौ कर्मी अभी भी हड़ताल पर डटे हुए हैं. सरगुजा के हड़ताली स्वास्थ्य कर्मी राजधानी रायपुर में धरने पर बैठे हैं. पांच दिनों पहले जेल भरो आंदोलन भी किया गया था.
डॉक्टर को भेजा जाएगा नोटिस
उधर, मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएन गुप्ता ने बताया कि नियमित और अनुभवी कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने के कारण ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव पड़ा है. उन्होंने बताया कि इससे निपटने के लिए आरएमए चिकित्सकों और प्रशिक्षु स्टॉफ नर्सों को ड्यूटी लगाई गई है. उन्होंने कहा कि बिना स्वास्थ्य परीक्षण किए फोन पर ही किसी को रेफर नहीं किया जा सकता. संबंधित डॉक्टर के खिलाफ उनके द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा.
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