Surguja News: सूखे की आशंका के बीच सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर (Ambikapur) में मानसून के आखिरी दिन पिछले 52 सालों की तुलना में सबसे ज्यादा 37.6 मिमी बारिश होने का नया रिकार्ड बन गया है.यहां गुरुवार को देर शाम हुई बारिश देर रात तक जारी रही. मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 52 सालों में मानसून सीजन के आखिरी दिन सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 30 सितंबर 2012 को 34.3 मिमी के रूप में दर्ज हुआ था, जो कल की बारिश ने पीछे छोड़ दिया. इस साल मानसून वक्त से पहले आने पर भी जून और जुलाई में बारिश बहुत कम हुई. इस कड़ी में सरगुजा संभाग में बारिश की मात्रा में 70% से भी अधिक की कमी रही थी.
मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि प्रारंभिक मानसून की तरंगे उत्तर छत्तीसगढ़ की ओर ना मुड़ कर लगातार दक्षिण की ओर गतिमान रही. वहीं अगस्त और सितंबर में हुई बारिश से किसानों और आमजनों की चिंता में कमी आई है. उन्होंने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ में अभी मानसून सक्रिय है और खाड़ी में बनने वाले चक्रवाती परिसंचरण से लगातार नमी की आपूर्ति यहां हो रही है. अभी एक नया परिसंचरण उत्तर पूर्वी बंगाल की खाड़ी में जन्म ले रहा है, जो अगले दो-तीन दिनों में अपने प्रभाव से छत्तीसगढ़ के मौसम में खलल कर गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना उत्पन्न कर रहा है.
सितंबर ने 20 वर्षा दिवस का नया कीर्तिमान भी बना
मौसम विभाग के मुताबिक किसी क्षेत्र का वर्षा दिवस उस दिन को कहा जाता है. जिस दिन वहां 24 घंटों में 2.5 मिमी या अधिक वर्षा होती है. इस दृष्टिकोण से इस साल सितंबर में कुल 26 दिनों की वर्षा में 20 वर्षा दिवस के साथ नया रिकॉर्ड स्थापित किया है. इसके पहले सितंबर में सर्वाधिक 18 वर्षा दिवस का कीर्तिमान 1973, 2007 और 2011 के रूप ने दर्ज है.
आखिरी दिन सूरजपुर रहा सूखा
मानसून के अंतिम दिन अम्बिकापुर में 37.6, उदयपुर में 8.4, लखनपुर में 11.3, सीतापुर में 7.2, लुण्ड्रा में 17.1, मैनपाट में 6.3, बतौली में 4.3 मिमी वर्षा हुई। वहीं सूरजपुर जिला के सभी छह विकासखंडों में शून्य वर्षा दर्ज की गई है. बलरामपुर जिले में रामानुजगंज में शून्य 0.0, बलरामपुर में 4.2, वाड्रफनगर में 0.0, कुसमी में 55.0, शंकरगढ़ में 6.3, राजपुर में 30.0 मिमी वर्षा दर्ज हुई है.