Chhattisgarh High Court News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग में तबादले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत का फैसला प्रदेशभर के पुलिस बल पर लागू होगा. चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने कहा कि पुलिस अधिनियम 2007 प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों पर लागू होता है. ऐसे में आरक्षक से निरीक्षक तक का तबादलता सिर्फ पुलिस स्थापना बोर्ड ही कर सकता है. एसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजी या डीजीपी जैसे आईपीएस रैंक के अधिकारी ट्रांसफर नहीं कर सकते.


गायत्री वर्मा ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व दीपिका सन्नाट के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में आईजी इंटेलिजेंस की तरफ से जारी तबादला आदेश को चुनौती दी गई थी. मामले पर सिंगल बेंच की सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि आरक्षक से निरीक्षक रैंक तक के तबादला का अधिकार सिर्फ पुलिस स्थापना बोर्ड को है. अदालत को बताया गया कि 5 आईपीएस अधिकारियों की कमेटी ही तबादला कर सकती है. आईपीएस, एसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजी या डीजीपी रैंक के अधिकारी एक जिले, रेंज, जोन से दूसरे जिले, रेंज और जोन में तबादला नहीं कर सकते.


हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के आदेश को रखा बरकरार


अधिवक्ताओं के तर्क को स्वीकार करते हुए सिंगल बेंच ने तबादला आदेश को निरस्त कर दिया. सिंग बेंच के फैसले को राज्य शासन और पुलिस विभाग ने चुनौती देते हुए अपील दायर की. सरकार की तरफ से तर्क दिया कि आईजी इंटेलिजेंस को तबादला करने का अधिकार है. गायत्री वर्मा की तरफ से अपील का विरोध किया गया. बताया गया कि पुलिस अधिनियम 2007 छत्तीसगढ़ राज्य के सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू होता है. अधिनियम की धारा 22 (2)(ए) के तहत सिपाही से निरीक्षक तक का तबादला करने का अधिकार सिर्फ पुलिस स्थापना बोर्ड को है. डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य शासन और पुलिस विभाग की दायर अपील को खारिज कर दिया. पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 1(3), 2(एच), 3, 4, 5, 9,10 और 22 (2)(ए) को राज्य के पुलिस अधिकारियों पर प्रभावी होने का विस्तार से उल्लेख करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया.


तबादले का अधिकार सिर्फ पुलिस स्थापना बोर्ड को


हाईकोर्ट ने कहा कि आरक्षक से निरीक्षक तक के तबादला का अधिकार 5 आईपीएस से बनी कमेटी पुलिस स्थापना बोर्ड को होता है. तबादला सिर्फ कमेटी कर सकती है. अन्य कोई आईपीएस अफसर, एसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजी या डीजीपी एक जिले से दूसरे जिले, एक रेंज से दूसरे रेंज या एक जोन से दूसरे जोन में नहीं कर सकते. आपको बता दें कि कोरबा स्पेशल ब्रांच में निरीक्षक के पद पर तैनात गायत्री वर्मा को आईजी इंटेलिजेंस ने कोरबा से गौरेला-पेंड्रा-मरवाही तबादल कर दिया था. तबादले के खिलाफ गायत्री ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए सिर्फ पुलिस स्थापना बोर्ड के अधिकार को माना और स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर दिया. 


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