Vijay Sharma Bastar Visit: बीते 40 सालों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर को नक्सल मुक्त करने के लिए प्रदेश की बीजेपी सरकार गंभीर नजर आ रही है. छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा लगातार बस्तर का दौरा कर रहे हैं. यहां के विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों से बुद्धिजीवियों और स्थानीय पत्रकारों से मुलाकात कर इस समस्या के समाधान के लिए विचार विमर्श कर रहे हैं. लगातार इनसे मुलाकात कर राय भी ले रहे हैं.


बीजेपी सरकार नक्सलियों से भी शांति वार्ता की अपील कर रही हैं, सोमवार को बस्तर पहुंचे गृहमंत्री विजय शर्मा जगदलपुर के टाउन हॉल में आयोजित बस्तर शांति समिति की बैठक में शामिल हुए, इस बैठक में बस्तर में नक्सली समस्या के समाधान और शांति बहाली के लिए चर्चा की गई. 


मौजूद लोगों ने अपनी अपनी रखी राय
लोकतंत्र बनाम माओवाद विषय पर आयोजित संगोष्ठी के कार्यक्रम में बस्तर के प्रसिद्ध लेखकों ने और स्थानीय जनप्रतिनिधियों वन मंत्री केदार कश्यप और गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलवाद की वजह से बस्तर में उत्पन्न हो रही समस्याओं पर विशेष चर्चा की.


नक्सलवाद के समाधान के लिए यहां मौजूद लोगों ने अपनी अपनी राय रखी, लोकतंत्र बनाम माओवाद संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रसिद्ध लेखक राजीव रंजन, वन मंत्री केदार कश्यप, गृहमंत्री विजय शर्मा और बड़ी संख्या में बस्तर के लोग मौजूद रहे.


40 सालो से नक्सलवाद का दंश झेल रहा बस्तर
बस्तर शांति समिति की बैठक में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर में कई लोगों ने नक्सल हिंसा के दर्द को झेला है इस हिंसा में लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है और कई जवानों की शहादत हुई है, आज भी नक्सलवाद की वजह से बस्तर संभाग के अंदरूनी गांव तक सड़क नहीं पहुंची है, बिजली नहीं पहुंची, विकास नहीं पहुंचा है, इसका दर्द सरकार को भी है, इस वजह से सरकार नक्सलवाद की समस्या को खत्म करने के लिए पूरी तरह से गंभीर है.


उनका स्वागत अगर वार्ता को तैयार हैं तो
गृहमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा लगातार नक्सलियों से शांति वार्ता की अपील की जा रही है, और यह वार्ता बंदूक छोड़कर ही की जा सकती है, वहीं उन्होंने बस्तर में चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन को लेकर कहा कि ऑपरेशन चलाना मजबूरी है, और इसके पीछे नक्सलियों के हिंसा को रोकना है ,अगर नक्सली बंदूक लेकर हमारे घरों में घुसेंगे तो हमारे देश के रक्षक उन्हें  इसी तरह से रोकेंगे, अगर नक्सली बंदूक त्याग कर वार्ता को तैयार हैं तो उनका स्वागत है.


'तभी इसका निकाल सकता है समाधान'
इसके अलावा गृहमंत्री ने कहा कि नक्सलियों को यहां की जनता को बताना चाहिए कि आखिर वह चाहते क्या है, अगर वह भी आदिवासियों का विकास चाहते हैं बस्तर की उन्नति चाहते हैं तो सरकार भी यही चाहती है और ऐसे में जब दोनों की सोच बस्तर के विकास की और उन्नति की है, तो इसमें वार्ता होना जरूरी है, तभी इसका समाधान निकाल सकता है, गृहमंत्री ने कहा कि नक्सलियों के लिए हमेशा से शांति वार्ता के लिए द्वार खुले हुए हैं और सरकार पूरी तरह से नक्सलवाद की समस्या से बस्तर को निजात दिलाना चाहती है.


नक्सलियों से सरेंडर करने गृहमंत्री ने किया निवेदन
वहीं गृह मंत्री विजय शर्मा ने शांति समिति के मंच से स्थानीय नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि वह नक्सली हिंसा को छोड़कर मुख्य धारा में वापस लौट जाए, बाहरी नक्सली उन्हें बहलाकर मौत के मुंह में धकेल रहे हैं, और मुठभेड़ में  लगातार स्थानीय नक्सली मारे जा रहे हैं, गृहमंत्री ने हाथ जोड़कर स्थानीय  नक्सलियों से निवेदन की है कि वह हथियार छोड़कर मुख्यधारा से लौटकर पुनर्वास नीति का लाभ लें और अपने आगे की जिंदगी एक अच्छी और  सामान्य जिंदगी की तरह व्यतीत करें.


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