Chhattisgarh Hookah Bar: छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में हुक्का बार के संचालन को अवैध घोषित कर दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में ये फैसला लिया गया है. प्रदेश में बढ़ते नशे की प्रवृत्ति पर इस प्रभावी रोक से युवाओं के स्वास्थ्य में बेहतर वातावरण का निर्माण होगा। हुक्का बार के संचालन के रोकथाम के लिए अधिनियम में संशोधन करते हुए कठोर प्रावधान किए गए हैं. यह अधिनियम राज्य में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.


सीएम के निर्देश पर हुक्का बारों में की जा रही थी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के विभिन्न भोजनालय, होटल, रेस्टॉरेन्ट आदि सहित अन्य जगहों पर संचालित हुक्का बारों में फ्लेवरयुक्त सामान के अलावा तम्बाकू और अन्य मादक द्रव्यों के उपयोग किया जा रहा था. जिसे देखते हुवे हुक्का बारों पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक हो गया था.


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस अवैध गतिविधि पर संज्ञान लेते हुए हुक्का बारों पर कठोर कार्रवाई करने और समस्त हुक्का बारों को बंद किये जाने के निर्देश दिये गये थे. मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में पुलिस विभाग द्वारा समस्त हुक्का बारों पर कठोर कार्रवाइयां की गई और प्रदेश में चल रहे हुक्का बारों को बंद कराया गया था.


हुक्का बार को लेकर अधिनियम में किया गया संशोधन
छत्तीसगढ़ में बढ़ते हुक्का बारों की संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश दिए थे कि इसके लिए अधिनियम में आवश्यक संशोधन किया जाये, ताकि युवा पीढ़ी इस प्रकार के नशे की आदि न हो सके. निर्देशों को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार के “सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003’’ में आवश्यक संशोधन का प्रारूप छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तैयार किया गया.


अधिनियम के संशोधन प्रस्ताव को छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित किये जाने के बाद सभी से अनुमति प्राप्त की गई. छत्तीसगढ़ राज्य के विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा 10 फरवरी 2023 को अधिनियम का प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में किया गया. 


छत्तीसगढ़ में अब हुक्का बार को अवैध घोषित किया गया
संशोधन अधिनियम के तहत राज्य में किसी भी प्रकार के हुक्का बार के संचालन को प्रतिबंधित किया गया है. साथ ही किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल के माध्यम से धुम्रपान को भी निषिद्ध किया गया है. हुक्का बार के संचालन पाये जाने पर हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जप्त करने का प्रावधान किया गया है. 


गैर जमानती धाराओं के साथ होगी कार्रवाई
जो कोई भी व्यक्ति हुक्का बार का संचालन करते पाया जाएगा उसके विरूद्ध गैर-जमानतीय अपराध कायम होगा और उसे तीन साल की जेल हो सकती है, किन्तु 01 वर्ष से कम नहीं होगा और जुर्माना, जो कि 50 हजार रुपये तक का हो सकेगा. लेकिन जो 10 हजार रुपये से कम का नहीं होगा. इसी तरह जो कोई व्यक्ति हुक्का बार में हुक्का के माध्यम से धुम्रपान करते हुए पाया जाता है तो उसपर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. पर ये जुर्माना एक हजार रुपये से कम नहीं होगा। यह संशोधन अधिनियम तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है.


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