Raipur Latest News: मां और बच्चे का रिश्ता सबसे अनमोल है. कहा जाता है कि मां के प्रेम के भार का आकलन करने के लिए आज तक कोई तराजू नहीं बना. ऐसे में जन्म के बाद ही किसी बच्चे को उसकी मां से अलग करना कहां का न्याय है. लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें एक मां को उसके बच्चे से जन्म के बाद ही अलग कर दिया गया. ये मामला राज्य महिला आयोग तक आ पहुंचा है. इस मामले में महिला आयोग ने बड़ा फैसला लिया है.


जन्म के बाद ही पति ने मां को बच्चे को किया जुदा


दरअसल राज्य महिला आयोग में शुक्रवार को एक दुखियारी मां अपनी मार्मिक गुहार लेकर पहुंची थी. उसने महिला आयोग में बताया कि एक महीने पहले उसके पति और सास-ससुर मेरे बच्चे को जन्म के बाद से ही छीनकर ले गए. तब से बच्चे की मां बच्चे की एक झलक देखने के लिए तड़प रही है. इसी तरह बच्चा भी मां के पास जाने के लिए तड़प रहा है. महिला आयोग ने इस मामले तुरंत कार्यवाही की है. बलौदा बाजार के पुलिस अधिकारियों को कह कर पति ,सास और ससुर के साथ बच्चे को महिला आयोग में पेश होने के निर्देश दिया गया.


मां ने महिला आयोग में की ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत


राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि मां ने अपने पति और सास के खिलाफ महिला आयोग में शिकायत की थी कि मेरे बच्चे को जन्म के बाद से ही छीनकर अपने पास ले जाकर रख लिए. मामले में तत्काल बलौदाबाजार जिले के एसपी और सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी के माध्यम से एक आरक्षक के साथ में पति, सास-ससुर और नाबालिग बच्चे की उपस्थिति कराई गई है.


बच्चे को गोद में लेने के बाद रोने लगी मां


महिला आयोग के दफ्तर में सभी को पेश किया गया. इसी दौरान जब मां को भी उसके एक महीने के बच्चे की सौंपा गया. एक महीने बाद मां अपने बच्चे को गोद में उठाकर खुशी से रोने लगी. महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि बच्चे को मां के दूध से वंचित रखना अक्षम्य अपराध है. इसके साथ ही बच्चे को मां से दूर रखने वाले पति, सास - ससुर को समझाइश भी दी कि बच्चे और उसकी मां को अपने साथ रखें. अगर भविष्य में मां और बच्चे को अलग करने की कोशिश की गई तो मां थाने में एफआईआर दर्ज करा सकती है. वहीं महिला आयोग भी इस मामले में अगले 6 महीने तक परिवार पर निगरानी रखेगा.


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