Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में आईएएस पत्नी का लेटर सोशल मीडिया में वायरल हो गया है. आईएएस अफसर समीर विश्नोई (IAS Sameer Bishnoi) की पत्नी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) से मुलाकात की है. इस दौरान प्रति ने ईडी (ED) के खिलाफ शिकायत कर दी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि बीमार पति को ईडी ने परेशान किया और सरकारी गवाह बनने के लिए दबाव डालकर दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवाया है.



समीर विश्नोई की पत्नी मुख्यमंत्री से मिली
दरअसल, समीर विश्नोई को ईडी ने हिरासत में लिया तब पत्नी प्रीति बिश्नोई ने रायपुर हेलीपैड में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा है. प्रीति के इस पत्र में ईडी के घर में दस्तक से लेकर ईडी दफ्तर ले जाने तक की पूरी कहानी है. इसमें प्रति ने ईडी पर कई गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने परिवार वालो की सुरक्षा और ईडी की कार्यवाही पर जांच की मांग की है.

समीर विश्नोई की पत्नी का पत्र
प्रीति ने अपने पत्र में लिखा है कि 11 अक्टूबर के सुबह 5.30 से 6.00 बजे के बीच हमारे घर की डोर बेल बजी, जिस पर मैंने दरवाजा खोला तब मैंने देखा कि लगभग 15-20 लोग हमारे घर आए हुए थे और उन लोगों ने अचानक मेरी बिना अनुमति और सहमति के हमारे घर में घुस गए. तब मैंने उन लोगों से पूछा कि आप लोग कौन हैं, तब उन लोगों द्वारा मुझे कोई जवाब नहीं दिया गया और वे लोग हमारे घर के सामान को उलट-पुलट करने लगे, उसी समय मेरे पति भी वहां आ गए. तब मेरे पति ने लोगों से पूछा कि आप लोग ये क्या कर रहे हैं, तब उनमें से एक ने कहा कि मेरा नाम ऋषि वर्मा हैं और हम लोग ई.डी. विभाग से आए हुए हैं. तब मेरे पति और मैंने लोगों से आग्रह किया कि आप किस लिए हमारे यहां आए हैं, इस बात की हमें जानकारी दें. तब मेरे पति और मेरे साथ बदतमीजी की गई. फिर मेरे पति से मोबाइल फोन ले लिया गया.

जबरन ले जाया गया ऑफिस
एफ.आई.आर. की कापी मांगने पर ऋषि वर्मा और उसके सहयोगियों ने कहा कि हम इसको देने के लिये बाध्य नहीं है. इसके बाद ऋषि वर्मा और उनके सहयोगियों ने मेरे पति से हमारे घर में दबाव डालकर कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर लिए. इसके बाद अगले दिन दिन 12 अक्टूबर को बाहर ले जाए गया. इस पर मैंने ऋषि वर्मा से आग्रह किया, कि हमारे घर में दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनकी देखरेख के लिए कोई नहीं है. इस पर भी ऋषि वर्मा और उसके सहयोगियों ने हमारी कोई बात नहीं सुनी और हमें जबरन एक आफिस में ले जाया गया.

जबरन बयान देने के लिए ईडी ने बनाया दबाव
ईडी के ऑफिस में हम दोनों को जबरन दबाव डालते हुए कहा गया, कि आप लोगों को हम जो बात बोल रहे हैं, वैसी ही बात आपको जे.डी. सर और आहूजा सर को बयान देकर बतानी होगी और ऋषि वर्मा और उसके सहयोगियों ने हम पर जबरन तरीके से दबाव डालकर छत्तीसगढ़ के बड़े बड़े लोगों का नाम लेने के लिए कहा जा रहा था, लेकिन हम दोनों ने बयान देने से इंकार कर दिया. तब ऋषि वर्मा और उसके सहयोगियों ने कहा कि यदि आप लोग हमारे बताए अनुसार बयान नहीं दोगे, तो तुम लोगों और तुम्हारे परिवार वालों को जिंदगी भर के लिए जेल में सड़ा देंगे.

बयान नहीं देने पर करियर बर्बाद करने का दबाव
प्रीति ने आगे लिखा है कि "इसी बीच हेमन्त नाम के अधिकारी वहां आए जिन्होंने बताया कि वे ई.डी. के डिप्टी डायरेक्टर हैं. इसके बाद हेमन्त जी और उसके सहयोगियों द्वारा मेरे पति समीर विश्नोई को जबरन बयान देने की बात का दबाव डालकर उनका करियर बर्बाद करने की धमकी दी गयी. दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे तो झूठे मामले में परिवार वालो फंसा देंगे. जिसके बाद जबरन हस्ताक्षर करवाए गए है. डिप्टी डायरेक्टर हेमन्त जी ने भी मुझे और मेरे पति को धमकी दी कि आप लोग हमारे बताये अनुसार बयान दे दें और सरकारी गवाह बन जाए नहीं तो हम लोग आपको जेल में सड़ा देंगे. जिस पर हम लोगों ने इंकार किया."

बीमार पति को ईडी अफसरों ने किया परेशान
मेरे पति ने ऋषि वर्मा और उसके सहयोगियों से निवेदन किया, कि मेरे पति लीवर सिरोसिस, माइग्रेन और बी.पी. की बीमारी से ग्रस्त हैं, इस बीमारी के संबंध में दवाइयां लेनी होती है, इसलिए उन्हें दवाइयां दी जाए, लेकिन इसके बावजूद भी ऋषि वर्मा और उसके सहयोगियों ने मेरे पति को दवाइयां नहीं दी. जिससे कि मेरे पति का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा. इसके बाद प्रति ने मुख्यमंत्री से ईडी अफसरों की कार्यवाही की जांच और परिवार वालों को सुरक्षा देने की मांग की है.