Surguja News: पीडब्लयूडी नहीं दिखा रहा ITI भवन निर्माण में दिलचस्पी, रैन बसेरे में टपकती छत के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र
Chhattisgarh News: पीडब्ल्यूडी विभाग से बात की गई तो उसने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि भवन निर्माण का टेंडर जारी चुका है, लेकिन ठेकेदार काम करने से मना कर रहा है.
Surguja News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में 700 से ज्यादा स्कूल भवनों की हालत खराब है, इस मसले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगभग 50 करोड़ रुपए नए स्कूल भवन निर्माण और मरम्मत योग्य भवनों की मरम्मत के लिए स्वीकृति दी है. अब छात्रों को जर्जर भवनों में पढ़ाई करने से निजात मिलेगी, लेकिन इसके अलावा सरगुजा जिले के उदयपुर इलाके में संचालित आईटीआई (industrial Training Institute) की कक्षाएं रैन बसेरा में लग रही हैं, इसकी वजह यह है कि आईटीआई के लिए खुद का भवन नहीं है. बताया गया कि नए आईटीआई भवन के लिए भूमि आवंटित हो चुकी है, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग नए भवन के निर्माण को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है, जिसकी वजह से आईटीआई के छात्र जर्जर रैन बसेरे में पढ़ाई करने पर मजबूर हैं.
पीडब्ल्यूडी नहीं दिखा रहा आईटीआई भवन निर्माण में दिलचस्पी
रैन बसेरा में प्राचार्य कक्ष भी है जहां की छत का प्लास्टर कई जगह से टूट गया है. आईटीआई की पढ़ाई के लिए रैन बसेरे में चार कंप्यूटर भी रखे गए हैं. छात्रों के मुताबिक उनमें से कुछ खराब पड़े हुए हैं जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. बताया गया कि नए आईटीआई भवन के लिए भूमि आवंटित हो गई है, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग नए भवन के निर्माण के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है जिसकी वजह से छात्रों को मजबूरन रैन बसेरे में पढ़ाई करनी पड़ रही है.
टेंडर पास होने के बाद भी क्यों नहीं हो रहा निर्माण
आईटीआई कॉलेज के प्राचार्य जितेंद्र कमल ने बताया कि नए आईटीआई भवन के लिए भूमि एलाट हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जब से उदयपुर में (2016 से) आईटीआई की पढ़ाई शुरू हुई है तभी से सोनतराई गांव के रैन बसेरे में आईटीआई की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. कॉलेज के पास खुद का भवन नहीं है. यहां वर्तमान में सिर्फ कोपा (Computer Operator And Programming Assistant) ट्रेड की पढ़ाई होती है. उन्होंने बताया कि नया आईटीआई भवन बनेगा तो नए ट्रेड को मान्यता मिलेगी, जिससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा. उन्होंने.बताया कि नए भवन निर्माण के संबंध में जब पीडब्ल्यूडी विभाग से बात की गई तो उनके द्वारा यह बताया गया था कि टेंडर हो चुका है, इसके बाद बताया गया कि जिसने टेंडर लिया है वह कह रहा है कि काम नहीं कर पाऊंगा.
यह भी पढ़ें:
Bastar News: तिरपाल के नीचे आयोजन देखने को मजबूर हुए जिले के बड़े अधिकारी, व्यवस्था की खुली पोल