78th Independence Day Celebration in Bastar: देश की आजादी के 78 साल पूरे हो गए हैं, जिसको लेकर 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जश्ने आजादी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के नक्सलगढ़ में रहने वाले ग्रामीण और सरेंडर नक्सली भी इस पर्व को धूमधाम से मना रहे हैं. बस्तर संभाग के पांच जिलों के 13 गांवों में पहली बार तिरंगा लहराया गया और यहां के ग्रामीणों ने ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय पर्व मनाया.
दरअसल, ये गांव कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था, जिस वजह से यहां के ग्रामीण नक्सलियों के भय से स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा नहीं लहराते थे. नक्सली इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाते थे, लेकिन जवानों के बुलंद हौसले और बस्तर पुलिस की बेहतर रणनीति के कारण अब इन इलाकों में नक्सली धीरे-धीरे बैक फुट चले गए हैं. ऐसे में यहां के ग्रामीण भय मुक्त होकर आजादी का पर्व धूमधाम से मना पा रहे हैं. जिन 13 गांवो में पहली बार ध्वजारोहण किया गया है उन गांव के ग्रामीण ने सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के जवानों के साथ गांव में बकायदा तिरंगा रैली भी निकाली हैं.
जवानों के बढ़ते दबाव से बैक फुट पर गए नक्सली
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि पिछले 4 दशकों से नक्सलवाद बस्तर में पैंठ जमाया हुआ था. नक्सलियों के भय की वजह से यहां के ग्रामीण कभी देश के राष्ट्रीय पर्व को नहीं मना पाए और ना ही अपने गांव में नक्सलियों के भय की वजह से कभी तिरंगा लहरा पाए.
बीते कुछ सालों से बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात पैरामिलिट्री फोर्स और स्थानीय पुलिस फोर्स के बेहतर तालमेल से चलाए गए एंटी नक्सल ऑपरेशन से न सिर्फ नक्सलियों को बड़ा नुकसान पहुंचा है, बल्कि नक्सली काफी हद तक बैकफुट पर चले गए हैं.
बस्तर को नक्सल मुक्त करने में जुटी पुलिस
कई गांव को बस्तर पुलिस ने नक्सल मुक्त कर दिया है और अब इन गांव में सरकार की एक-एक योजना का लाभ भी ग्रामीणों को मिल पा रहा है. वहीं, इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बस्तर संभाग के पांच जिलों के 13 गांवो में जहां कभी नक्सलियों की हुकूमत चलती थी और नक्सली ग्रामीण के मौजूदगी में काला झंडा फहराते थे. अब इन्हीं 13 गांव में जवानों के सुरक्षा के साए में ग्रामीणों ने शान से तिरंगा लहराया और स्वतंत्रता दिवस का पर्व धूमधाम से मनाया.
सुरक्षा बलों पर बढ़ा ग्रामीणों का विश्वास
बस्तर आईजी ने बताया कि बस्तर में विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. कई नक्सली इलाकों में नए पुलिस कैंप खोले गए हैं. बीते 7 महीनों में यहां के कई दूर-दराज इलाकों में सिक्योरिटी फोर्स ने कैंप खोला है, जिसकी वजह से लोगों में नक्सलियों का खौफ खत्म हुआ है और सुरक्षा बलों पर ग्रामीणों का विश्वास बढ़ा है.
इन गांवो में पहली बार फहराया गया तिरंगा
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा ,नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर और कांकेर जिले के कुल 13 गांव में देश की आजादी के बाद पहली बार स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा फहराया गया है. इनमें दंतेवाड़ा के नेरलीघाट, कांकेर का पानीडोबीर, बीजापुर का गुंडम, पूतकेल और छुटवाही, नारायणपुर का कस्तूरमेटा, मसपुर, इराकभट्टी और मोहंदी सुकमा का टेकलगुड़म, पूवर्ती लाखापाल और पुलनखाड़ गांव में पहली बार स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराया गया. इस गांव में मौजूद सभी ग्रामीणों ने इस पर्व को धूमधाम से मनाया और ग्रामीणों ने जवानों के साथ तिरंगा रैली भी निकाली.
ये भी पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर क्या बोले छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय? पीएम मोदी को लेकर कही ये बड़ी बात