Bastar News: राज्य सरकार के रोक के बावजूद छत्तीसगढ़ के  बस्तर में अवैध रेत उत्खनन का सिलसिला लगातार जारी है, खनन के मामले में तस्करों पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होने की वजह से इन तस्करों के हौसले बुलंद है और लगातार बस्तर की जीवनदायिनी  इंद्रावती नदी और जिले के अन्य  नदियों का  उत्खनन कर दोहन कर रहे हैं, इधर खनिज विभाग की कार्यवाही भी सिर्फ जुर्माना वसूली तक सीमित है, इस वजह से विभाग सिर्फ राजस्व वसूली का टारगेट पूरा करने में लगा हुआ है और रेत तस्करों के द्वारा धड़ल्ले से अवैध उत्खनन किया जा रहा है.


केवल 4 खदानो को ही जिले में मिला है परमिशन 
जानकारी के मुताबिक बस्तर में केवल 4 खदानों को रेत निकालने की स्वीकृति दी गई है और अन्य 4 खदानों को खोले जाने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी निकाली गई है, लेकिन पर्यावरण विभाग से स्वीकृति नहीं मिलने के चलते अभी तक नए खदानों का संचालन अटका हुआ है. वहीं राजस्व विभाग के पास मौजूद रिकॉर्ड  के मुताबिक केवल 4 खदानें हैं,  लेकिन रेत तस्करों के द्वारा बिना पीटपास के और बिना परमिशन लिए इंद्रावती नदी तट और  जिले के अन्य नदियों से लगातार अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है.


वहीं यह भी बताया जा रहा है कि जिले में रेत का अवैध व्यापार कर मुनाफा कमाने वाले की संख्या बहुत ज्यादा है, यहां खनिज विभाग भी इन माफियाओं पर नकेल कसने में कामयाब नहीं हो पा रहा है. खनिज विभाग के अधिकारी हेमंत चेरपा के मुताबिक अवैध रेत उत्खनन की जानकारी मिलने के बाद तस्करों से जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जा रही है और उनके वाहनों को भी जब्त करने की कार्यवाही की जा रही है.  लेकिन राजस्व विभाग केवल जुर्माना वसूली तक सीमित है.


माफियाओं पर नहीं हो रही ठोस कार्रवाई
इधर खनिज विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2021 और 22  में खनिज विभाग ने केवल 251 केस दर्ज किया है और माफियाओं से लगभग 50 लाख रुपये जुर्माना वसूल किया है. जबकि हर रोज नदी तटों से अवैध उत्खनन की शिकायत ग्रामीणों द्वारा विभाग को दी जाती है, बावजूद इसके इन माफियाओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने के चलते लगातार इन नदियों का दोहन इन रेत  माफियाओं के द्वारा किया जा रहा है.


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