Indravati Tiger Reserve Park: छत्तीसगढ़ के इंद्रावती टाइगर रिजर्व एरिया में बाघ की खाल की तस्करी करते 7 लोगों को वन विभाग की टीम ने पकड़ा है. वहीं इनके पास से बाघ की खाल जब्त की है. बताया जा रहा है कि पकड़े गए तस्करों के पास से जो खाल मिली है. वह ढाई साल के शावक की है, लंबे समय से इन तस्करों के द्वारा टाईगर रिजर्व फॉरेस्ट एरिया के वन्य जीवों पर नजर थी. हालांकि अब तक पकड़े गए तस्करों ने इस खाल से संबंधित जानकारी नहीं दी है.
वहीं विभाग के अधिकारी लगातार इन तस्करों से पूछताछ कर रहे हैं. सभी तस्कर बाघ की खाल को मोटी रकम में बेचने के फिराक में थे, लेकिन विभाग की टीम ने मुखबिर से मिली सूचना के बाद इन सभी तस्करों को धर दबोचा है. जानकारी मिल रही है इन आरोपी तस्करों के साथ दो अन्य तस्कर भी शामिल हैं जो फिलहाल फरार हैं, उनके गिरफ्तारी के बाद ही पूरे मामला का खुलासा होने की बात इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उप निदेशक गणवीर धम्मशील ने कही है.
विभाग के कर्मचारियों ने जब्त की शावक की खाल
इंद्रावती टाइगर रिजर्व पार्क के उप संचालक गणवीर धम्मशील ने बताया कि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के गरियाबंद की संयुक्त टीम ने इंद्रावती टाइगर रिजर्व के मद्देढ़ बफर रेंज के रूद्राराम इलाके में मुखबिर से सूचना मिलने के बाद लगातार खोजबीन की और इस इलाके से कुल 7 तस्करों को पकड़ा है. यह सभी आरोपी छत्तीसगढ़ के निवासी हैं, इनके द्वारा एक बोरे में बाघ की खाल भरकर ले जाया जा रहा था. तलाशी लेने के बाद इनके पास से बाघ की खाल को जब्त किया गया है.
पूछताछ पर तस्करों ने बताया कि इनके साथ दो अन्य आरोपी भी शामिल है जिन्हें भनक लगने के बाद वे मौके से भाग खड़े हुए हैं. जिनकी लगातार पतासाजी की जा रही है, उप संचालक ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जिस बाघ की खाल को तस्करों के पास से जब्त किया गया है. वह ढाई साल के एक शावक की है. वहीं लगातार उनसे पूछताछ की जा रही है कि आखिर इस खाल को कहां से और किस तरह से उनके द्वारा लाया जा रहा था और इसकी तस्करी कहां की जा रही थी, फिलहाल तस्करों से पूछताछ जारी है, उप संचालक ने कहा कि पूछताछ के दौरान और भी कई खुलासे हो सकते हैं. वहीं पुलिस की मदद से अन्य दो आरोपी की तलाश की जा रही है, फिलहाल इन आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई की गई है.
टाइगर रिजर्व एरिया में अंर्तराज्जिय तस्करों की रहती है नजर
गौरतलब है कि बीजापुर के भैरमगढ़ में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व एरिया में पहले से ही लगातार बेशकीमती सागौन लकड़ी की तस्करी और वन्य जीवों की हत्या कर उनके खाल की तस्करी की जानकारी मिलते रही है. वहीं इस कार्रवाई के बाद लगातार विभाग की टीम इन इलाकों में मुस्तैद हो गई है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से हमेशा यहां के वन कर्मचारियों में नक्सलियों का डर बना रहता है. जिसका फायदा उठाकर उड़ीसा, महाराष्ट्र के तस्कर वन्य जीवो की हत्या करने के साथ ही सागौन के लकड़ियों का तस्करी करते हैं, फिलहाल विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे हो सकते हैं, उसके बाद लगातार विभाग के द्वारा अन्य तस्करों की पतासाजी कर कार्रवाई की जाएगी.
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