Raipur: छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारियों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी, सरकारी कामकाज पर पड़ सकता है बुरा असर
राज्य में एक लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी है. इनमें 47 हजार स्कूल सफाई कर्मचारी है और 13 हजार रसोईयां हैं. 16 हजार प्रेरक संघ के कर्मचारी और 12 हजार बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी हैं.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में नियमितीकरण की मांग को लेकर लाखों कर्मचारियों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. 20 नवंबर को रायपुर (Raipur) के बूढ़ा तालाब धरना स्थल में प्रदेशभर के कर्मचारी जुटेंगे. कर्मचारियों ने ध्यानाकर्षण सभा का आयोजन किया है. यानी अनियमित कर्मचारी आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं. सरकारी विभागों में काम कर रहे सभी अनियमित कर्मचारी भी इस आंदोलन में शामिल होंगे. इससे सरकारी कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं.
20 नवंबर को ध्यानाकर्षण सभा
दरअसल, नियमितीकरण की मांग को लेकर पहले भी प्रदर्शन हुए है. वहीं इस बार कर्मचारी लंबी लड़ाई की तैयारी में है. 20 नवंबर को ध्यानाकर्षण सभा में प्रदेशभर के कर्मचारी जुटेंगे. ये केवल एक दिवसीय प्रदर्शन होगा. सुबह 11 बजे से कर्मचारी धरना स्थल में इकठ्ठे होंगे और नियमितीकरण की मांग के साथ लंबी लड़ाई का एलान कर सकते है. हालांकि, कर्मचारी संगठन आने वाले विधानसभा विशेष पर नजर टिकाए बैठे हैं.
कर्मचारी घोषणा पत्र के वादे याद दिलाएंगे
घोषणा पत्र के वादे को याद दिलाने के लिए कर्मचारी ध्यानाकर्षण सभा कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा प्रदेश संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया की प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारी को नियमित करने, किसी की छटनी न करने और आउट सोर्सिंग बंद करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था. चुनाव से पहले टी.एस. सिंहदेव ने सरकार बनते ही 10 दिन में ही प्राथमिकता के आधार पर नियमितीकरण पूरा करने का वादा किया था. इसे कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी हमारी मांग को शामिल किया था.
एक लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी
कर्मचारी संघ की तरफ से दावा किया जा रहा है कि राज्य में एक लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी है. वहीं कर्मचारी नेता विजय झा ने बताया कि 47 हजार स्कूल सफाई कर्मचारी है और 13 हजार रसोईयां हैं. 16 हजार प्रेरक संघ के कर्मचारी और 12 हजार बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी है. इसके अलावा सरकारी विभागों में चपरासी, ड्राइवर, कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे पदों पर कर्मचारी है. इनको सरकारी खजाने से वेतन मिलता है. अगर इन सब को नियमित करेंगे तो अच्छी बात है, नहीं तो आने वाले समय में सभी आंदोलन करेंगे.