Chhattisgarh Textile Industry: छत्तीसगढ़ में खुद के ब्रांड का एक और कपड़ा फैक्ट्री खुलने जा रहा है. राजधानी रायपुर (Raipur) में 1000 सीटर महिला गारमेंट फैक्ट्री खोला जाएगा. इस फैक्ट्री के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने भूमिपूजन कर दिया है. इस फैक्ट्री को रायपुर नगर निगम पीपीपी मॉडल में संचालित करेगा. इससे पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा (Dantewada) में भी कपड़ा फैक्ट्री (Textile Factory) खोला गया है. इसका नाम डैनेक्स (Donex) रखा गया है.
शहरी महिलाओं को मिलेगा रोजगार
दरअसल मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान नए कपड़ा फैक्ट्री के लिए भूमिपूजन किया. राज्य के खुद के ब्रांड का नया कपड़ा फैक्ट्री मोवा स्थित पाम-बेलाजियो अपार्टमेंट के सामने खोला जाएगा. इसमें सिलाई करने के लिए 1000 सीटर सिलाई मशीन लगाया जाएगा. इस फैक्ट्री में शहरी महिलाओं को रोजगार दिया जाए. बताया जा रहा है कि महिला गारमेंट्स फैक्ट्री में कोई भी महिला, जिन्हें बेसिक टेलरिंग का ज्ञान है. उसे यहां काम करने का मौका दिया जाएगा. यहां सिलाई का काम सीखने की इच्छुक महिलाओं को ट्रेनिंग के बाद काम भी दिया जाएगा.
देशभर में की जाएगी सप्लाई
आपको बता दें कि इस गारमेंट फैक्ट्री में 1000 सिलाई मशीनें लगाई जाएंगी. यहां बनने वाले कपड़ों को खुद के ब्रांड के नाम से देशभर में सप्लाई की जाएगी. इससे महिलाओं को रोजगार के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. इसके लिए कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाली महिलाओं को सिलाई के लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी. इसके लिए 15 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा अधिकारियों का दावा है कि यहां तैयार होने वाले कपड़ों की लागत कम होने की वजह से महानगरों में बनने वाले कपड़ों की तुलना में इनकी मांग बढ़ेगी, जिससे रोजगार के नए आयाम विकसित होंगे. रायपुर नगर निगम ने इस फैक्ट्री को पीपीपी मॉडल पर संचालित करने का निर्णय लिया है.
देश की बड़ी रेडीमेड कंपनियों से होगा टाई-अप
अधिकारियों ने बताया कि इस फैक्ट्री के लिए देश की बड़ी रेडीमेड कंपनियों के साथ रायपुर नगर निगम टाई-अप करेगा. ये बड़ी कंपनियां इस फैक्ट्री को रॉ मटेरियल उपलब्ध कराएगी और तैयार होने वाले गारमेंट्स की खरीदी करेगी. बड़ी तादाद में तैयार होने वाले कपड़ों के लिए इस फैक्ट्री में कटिंग, सिलाई, पैकेजिंग आदि के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट होंगे. अब सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि इससे न केवल रायपुर की महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि गारमेंट्स के क्षेत्र में रायपुर बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है.