Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में एक 2 साल की बच्ची आवारा कुत्तों की शिकार होने से बाल-बाल बची. सही समय पर एक युवक के मौके पर पहुंचने से बच्ची को युवक ने आवारा कुत्तों के शिकंजे से बचा लिया वरना बच्ची की जान भी जा सकती थी. यह घटना शनिवार सुबह जगदलपुर शहर के रमैया वार्ड के आकांक्षा होटल के गली में हुई. बताया जा रहा है कि बच्ची सुबह के वक्त अपने घर से बाहर निकल गयी थी, इस दौरान आवारा कुत्तों का एक झुंड बच्ची को दबोचने के लिए अचानक से कूद पड़ा, इसी दौरान पास में ही मौजूद एक युवक दौड़कर मौके पर पहुंचा और बच्ची को आवारा कुत्तों से बचाया और वहां से सभी कुत्तों को खदेड़ा. यह पूरा वाकया घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया.


बाल-बाल बची मासूम की जान


बताया जा रहा है कि अगर चंद सेकेंड के भी देरी होती तो आवारा कुत्ते बच्ची को दबोच लेते और बच्ची की जान भी जा सकती थी. इधर लगातार शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. खासकर शहर के मुख्य बाजारों, मुख्य मार्गों में और शहर के वार्डों में बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते शाम होने के साथ ही इंसानों को काटने के लिए दौड़ाते हैं और कई लोग इन आवारा कुत्तों के काटने का शिकार भी हो चुके हैं. फिलहाल अब तक निगम द्वारा बढ़ते  कुत्तों के आतंक के रोकथाम के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है, जिस वजह से शहरी इलाकों में लगातार आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, और शाम होते ही लोगों में इन आवारा कुत्तों की वजह से दहशत का भी माहौल है.


बढ़ रहा आवारा कुत्तों का आतंक


नगर निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटेल  का कहना है कि निगम द्वारा समय-समय पर आवारा कुत्तों को पकड़कर शहर के दूर जंगल क्षेत्रों में छोड़ा जाता है, लेकिन लंबे समय से धरपकड़ नहीं की जा रही है, इस वजह से कुछ इलाकों में लगातार कुत्तों के काटने से इंसानों के घायल होने की शिकायत मिल रही  है. आयुक्त ने कहा कि जल्द ही निगम की एक टीम को गठित कर शहर में बढ़ते आवारा कुत्तों की धरपकड़ कर जंगलों में छोड़ने की तैयारी की जाएगी.


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