Chhattisgarh Jobs News: स्टाफ की कमी से लंबे समय से जूझ रहे बस्तर संभाग के सबसे बड़े जिला अस्पताल में जल्द ही 300 पदों पर सीधी भर्ती होगी. इस भर्ती प्रक्रिया के लिए अस्पताल प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल, हाल ही में 72 डॉक्टरों के इंटरशिप खत्म होने से और सभी डॉक्टरो की डिमरापाल अस्पताल से सेवा समाप्त होने से स्वास्थ व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी.
डॉक्टरों के साथ साथ अस्पताल में स्टाफ की कमी की समस्या भी लंबे समय से होने के चलते इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों और उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने लगभग 5 महीने पहले शासन को नई भर्तियों का प्रस्ताव भेजा था जिसे वित्त विभाग ने अनुमति दे दी है और अब जल्द ही तृतीय और चतुर्थ वर्ग के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
इन 300 पदों पर होनी है सीधी भर्ती
डिमरापाल जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. टिकू सिन्हा ने बताया कि पिछले लंबे समय से डीमरापाल जिला अस्पताल में खाली पड़े प्यून, वार्ड बाय, स्वीपर, पंप अटेंडेंट, नाई, चौकीदार, हेड कूक, लैब अटेंडेंट, स्टाफ नर्स, ओटी टेक्निशियन ,रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशियन और मल्टी टास्क वर्कर के लगभग123 और मेडिकल कॉलेज में मेडिको सोशल वर्कर, ऑडियोमेट्री टेक्नीशियन, स्पीच थैरेपिस्ट, पब्लिक हेल्थ नर्स, लिनियर एक्सीलरेटर, टेक्नोलजिस्ट, कोबाल्ट थैरेपी , सिटी सेमुलेटर,मोल्ड रूम टेक्नीशियन, नर्स, साइकेट्री नर्स, केमिस्ट और ईसीजी टेक्नीशियन के 70 पदों पर भर्ती की जानी है, इसके अलावा govt नर्सिंग कॉलेज में 12 पदों पर भर्तियां होनी है, इसके लिए 5 महीने पहले शासन को प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया था और अब आखिरकार स्वीकृति मिल चुकी है और जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
स्टॉफ की भरपाई से सुधरेगी स्वास्थ्य व्यवस्था
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से संभाग के इस सबसे बड़े अस्पताल में खाली पड़े पदों पर भर्ती किए जाने की मांग की जा रही थी लेकिन तकनीकी अड़चनों का हवाला देते हुए भर्तियों पर रोक लग गई थी. वहीं स्टाफ की कमी से बढ़ते समस्या को देखते हुए 5 महीने पहले ही अस्पताल प्रबंधन की ओर से राज्य सरकार को भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति अब जाकर मिली है.
वहीं जल्द ही खाली पड़े पदों पर भर्ती हो जाने के बाद अस्पताल की व्यवस्था काफी हद तक सुधर सकती है. बस्तर संभाग के 6 जिलों के लिए सबसे बड़ा अस्पताल होने के चलते यहां हजारों की संख्या में मरीज ईलाज के लिए पहुंचते हैं. लेकिन स्टाफ की कमी के वजह से कई मरीजों के इलाज सही तरीके से नहीं हो पाने की वजह से उनकी मौत हो जाती है. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि इन रिक्त पड़े पदों पर अगर भर्ती होती है तो निश्चित तौर पर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरेगी.
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