Chhattisgarh: चुनाव से पहले BJP खेमे में गुटबाजी? कांकेर में पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं ने दिया सामूहिक इस्तीफा
Chhattisgarh Assembly Elections: कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि कांकेर के बीजेपी जिलाध्यक्ष ने नरहरपुर मंडल अध्यक्ष को बिना मंडल समिति के बैठक के पद से मुक्त कर दिया है, जो कि सरासर गलत है.
Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीने शेष रह गए हैं. इससे पहले कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी में भी गुटबाजी दिखने लगी हैं. साथ ही अब पार्टी के पदाधिकारी अनदेखी का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ रहे हैं. ताजा मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नरहरपुर मंडल का है. जहां मंडल अध्यक्ष को हटाए जाने से नाराज बीजेपी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को अपना इस्तीफा पत्र भेज दिया है. मंडल अध्यक्ष को हटाए जाने से कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है.
इसके अलावा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि कांकेर के बीजेपी जिलाध्यक्ष ने नरहरपुर मंडल अध्यक्ष को बिना मंडल समिति के बैठक के पद से मुक्त कर दिया है, जो कि सरासर गलत है, लगातार बड़े पदाधिकारियों के द्वारा मंडल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की अनदेखी भी की जा रही है, जिसके चलते उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा है.
बिना जानकारी के मंडल अध्यक्ष को हटाया गया
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बीजेपी के अंदर गुटबाजी दिखनी शुरू हो गई है. यह गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है. नरहरपुर मंडल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के एक साथ प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा पत्र भेजने से पार्टी में खलबली मच गई है. चुनाव के कुछ महीने पहले इस तरह पुराने पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के पद से इस्तीफा दिए जाने से बड़े पदाधिकारी भी नाराज हो रहे हैं. दरअसल कांकेर जिले में चल रहे गुटबाजी के चलते बीजेपी जिला अध्यक्ष ने नरहरपुर बीजेपी मंडल अध्यक्ष दिनेश नागदौने को अचानक उनके पद से मुक्त कर दिया.
कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है
इसकी जानकारी लगते ही मंडल उपाध्यक्ष, मंडल के मीडिया प्रभारी समेत अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने इसके लिए नाराजगी भी जताई. पदाधिकारियों ने कहा कि नरहरपुर में सभी पदाधिकारी अपने पदों में रहकर अपने कार्यों का सकुशल निर्वहन कर रहे हैं. लेकिन वर्तमान परिस्थितियों के फेरबदल को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी के रीति नीति और सिद्धांत के परिपालन में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं की गई. लेकिन वर्तमान में बीजेपी के कुछ बड़े पदाधिकारी अपना मोनोपोली चला रहे हैं.
बिना बैठक के हुए निर्णय
इसी के चलते मंडल अध्यक्ष दिनेश नागदौने को अचानक से उन्हें पदभार से मुक्त कर दिया गया. इसके बाद किसी और को मंडल अध्यक्ष का पद दे दिया गया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि अन्य व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष बनाना समझ से परे है. इसके लिए मंडल समिति की बैठक तक नहीं की गई और निर्णय ले लिया गया. इस तरह के व्यवहार से कार्यकर्ताओं का निष्ठा से कार्य करना संभव नहीं है. इसलिए सार्वजनिक रूप से नरहरपुर मंडल के सारे पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
बीजेपी जिला अध्यक्ष कुछ भी कहने से कर रहे हैं इंकार
वहीं पूर्व मंडल अध्यक्ष दिनेश नागदौने ने कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों ने अपने पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. बिना मंडल मीटिंग के पार्टी के नेताओं ने मुझे भार मुक्त कर दिया और किसी अन्य एक व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष बनाया. जिससे मंडल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता काफी नाराज हैं. इसलिए मंडल के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को अपना इस्तीफा पत्र भेज दिया है. हालांकि इस मामले में कांकेर बीजेपी जिला अध्यक्ष सतीश लाटीया कुछ भी बयान देने से इंकार कर रहे हैं.
वही गुटबाजी और अंतरकलर की बात को भी नकार रहे हैं. लेकिन जिस तरह से पार्टी के पदाधिकारी को उनके पद से मुक्त कर दिया गया, उस से सामूहिक रूप से नरहरपुर मंडल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के द्वारा पद से इस्तीफा देने से अब बीजेपी में भी अंतर्कलह साफ दिखने लगी है. फिलहाल अब तक सामूहिक रूप से भेजे गए इस्तीफे को मंजूरी मिली है या नहीं इसकी जानकारी नहीं लग पाई है.
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