Chhattisgarh News: कल छत्तीसगढ़ के 31वें जिले का शुभारंभ करेंगे CM बघेल, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई बना नया जिला
Chhattisgarh 31st District: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 3 सितंबर को छत्तीसगढ़ के 31वें जिले का शुभारंभ करेंगे. यह जिला राजनांदगांव से अलग होकर खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला बनेगा.
CM Bhupesh Baghel News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) 3 सितंबर को छत्तीसगढ़ के 31वें जिले का शुभारंभ करेंगे. यह जिला राजनांदगांव (Rajnandgaon) से अलग होकर खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला बनेगा और नए प्रशासनिक इकाई का स्वरूप लेगा. खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला का क्षेत्र लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहा है. नया जिला बनने के बाद लोगों को प्रशासनिक सुविधाओं के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं होगी और साथ ही विकास कार्यों में तेजी आएगी.
इस नए जिले का आगाज 3 सितम्बर को होने जा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोपहर 1 बजे खैरागढ़ स्थित राजा फतेह सिंह खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवगठित 31वें जिले ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’ का शुभारंभ करेंगे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री 364 करोड़ 56 लाख रुपए के 95 विकास कार्यों की सौगात भी देंगे. इसके अलावा 213 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 37 लाख 48 हजार रुपए की सामग्री का वितरण करेंगे.
जानिए नए जिला का कैसा रहेगा स्वरूप
नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई नया जिला दुर्ग संभाग के अंतर्गत होगा. इस नए जिला की जनसंख्या 3 लाख 68 हजार 444 है. कुल ग्रामों की संख्या 494 और 3 नगरीय निकाय हैं. दो उप खण्ड खैरागढ़ और गण्डई-छुईखदान होंगे. 3 तहसील गण्डई, छुईखदान, खैरागढ़ होंगे. वहीं 2 विकासखण्ड छुईखदान और खैरागढ़, 16 राजस्व निरीक्षक मंडल होंगे. इस नवीन जिले में 13 हजार 562 राजस्व प्रकरणों की संख्या, 1 लाख 18 हजार 183 हेक्टेयर कुल मकबूजा रकबा है. इसके अलावा 37,014 हेक्टेयर कुल गैर मकबूजा रकबा, 1 लाख 55 हजार 197 हेक्टेयर कुल राजस्व क्षेत्रफल, कुल खातेदारों की संख्या 1 लाख 53 हजार 663, 107 पटवारी हल्का, 221 ग्राम पंचायत, 338 कोटवार, 316 पटेल हैं.
वनोपज से भरा है यह जिला
खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला के सघन वनों में लघु वनोपज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. कोदो, कुटकी, रागी, भेलवा, बहेड़ा, कालमेघ, लाख, माहुल पत्ता का संग्रहण कर इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लघु वनोपज संग्राहकों को रोजगार और आर्थिक लाभ मिल रहा है. इस क्षेत्र में विकास के और भी नए रास्ते खुलेंगे. वृक्षारोपण, वनोपज विदोहन, नरवा विकास, वन एवं वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में कार्यों में प्रशासनिक कसावट आएंगी और विकासोन्मुखी सुविधाओं का विकास होगा. हाल ही में खैरागढ़ वनमंडल के गण्डई वन परिक्षेत्र अंतर्गत लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र के स्थापना की स्वीकृति प्राप्त हुई. 70 लाख रूपए की लागत से स्थापित होने वाले इस लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र से वनोपज आधारित आजीविका के साधन सुलभ होंगे और सतत रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
खनिज संसाधनों से भी भरा है यह जिला
खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला खनिज संसाधनों के मामले में भी समृद्ध है जिससे औद्योगिक विकास को तेजी मिलेगी. खैरागढ़ क्षेत्र में चूना पत्थर गौण खनिज उपलब्ध है. वहीं इसके साथ ही क्वार्टजाईट, सिलिका सेण्ड, ईट मिट्टी जैसे खनिज उपलब्ध हैं. वहीं छुईखदान क्षेत्र में मुख्य खनिज चूना पत्थर उपलब्ध है. साधारण पत्थर और लौह खनिज अयस्क मिलने की भी संभावना है. सरकार द्वारा 220 करोड़ 7 लाख 19 हजार रुपए की लागत से निर्माणाधीन सिद्धबाबा जलाशय लघु सिंचाई परियोजना से इस क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी. यहां लमती नदी में बनने वाले परियोजना से 34 ग्राम लाभान्वित होंगे और 1 हजार 840 हेक्टेयर की भूमि की सिंचाई की जा सकेगी. कृषि क्षेत्र में विकास के अवसर बढ़ेगे.
इन जलाशयों से सिंचाई का रकबा बढ़ेगा
सुरही जलाशय लघु सिंचाई परियोजना अंतर्गत वेस्ट वियर की ऊंचाई बढ़ाने और नहर का विस्तार का जीर्णोद्धार, लाइनिंग कार्य और नहर विस्तार किया जा रहा है जिससे सिंचाई के रकबा में 120 हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी होगी. पिपरिया जलाशय मध्यम सिंचाई परियोजना से 91 ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं और 6 हजार 240 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई हो रही है.
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