Kondagaon News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में मौजूद पर्यटन स्थलों में से एक टाटामारी ईको पर्यटन स्थल इन दिनों  पर्यटकों से गुलजार है. बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. केशकाल घाट के कोने पर स्थित टाटामारी इको पर्यटन क्षेत्र में पर्यटन के साथ रोमांचकारी खेलों,  रॉक क्लाइंबिंग, धनुर्विद्या, पैरा सेलिंग और  ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए ट्रैकिंग रूट भी तैयार किया गया है. इसके अलावा माझीनगढ़ पहाड़ के ऊपर भंगाराम मंदिर भी है. प्राकृतिक दृश्य, झरनों,और प्रागेतिहासिक चित्रों की खोजकर इसको पर्यटन सर्किट में जोड़कर इसे नई पहचान दी गई है. जिसके चलते टाटामारी पर्यटन स्थल की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं.



सात करोड़ लागत से बनाया गया है मिडवे रिजॉर्ट 
यही नहीं मुरवेंड में पहाड़ियों की गोद में बने प्राकृतिक तालाब के किनारे सात करोड़ रुपयों की लागत से लिमदरहा लिमदरहा नाले पर मिडवे रिजॉर्ट का निर्माण किया गया है. इसके साथ-साथ यहां कॉटेज और  रेस्टोरेंट के साथ पर्यटकों के रुकने का भी प्रबंध किया गया है. इस वजह से ही केशकाल घूमने आने वाले पर्यटकों  की टाटामारी पर्यटन स्थल पहली पसंद बना हुआ है. जानकारी के मुताबिक यहां बीते साल करीब दो लाख से ज्यादा पर्यटक आ चुके हैं. वहीं इस साल अब तक एक लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंच चुके हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि दिसंबर और जनवरी माह में पर्यटकों की संख्या बढ़कर करीब दो से ढाई लाख पहुंचेगी. कोंडागांव कलेक्टर दीपक सोनी  का कहना है कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए पूरे केशकाल में पर्यटन विकास को लेकर लगातार काम किया जा रहा है.




पर्यटकों का मिल रहा अच्छा रिस्पांस
जगदलपुर मुख्यालय से 130 किलोमीटर दूरी पर केशकाल के पहाड़ियों में बने टाटामारी ईको पर्यटन स्थल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 10 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की गई है. हिलस्टेशन होने की वजह से यहां की नैसर्गिक खूबसूरती देखते ही बनती है. ठंड के मौसम में यहां का का नजारा और भी खूबसूरत हो जाता है. यही वजह है कि बस्तर घूमने आने वाले पर्यटक टाटामारी की प्राकृतिक खूबसूरती देखने जरूर पहुंचते हैं. दीपक सोनी का कहना है कि कि टाटामारी इको पर्यटन स्थल में पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार करने के बाद इको पर्यटन स्थल में पर्यटकों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. बड़ी संख्या में पर्यटक यहां घूमने पहुंच रहे हैं. 



वहीं पूरे केशकाल को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए यहां स्थित 17 से भी ज्यादा वाटरफॉल्स को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने का कार्य भी प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है, ताकि टाटामारी पर्यटन स्थल में पर्यटक ज्यादा से ज्यादा दिन गुजार सकें. इसके अलावा स्थानीय ग्रामीणों द्वारा यहां छोटे-छोटे व्यापार भी  लगाए गए हैं, ताकि पर्यटन स्थल में पर्यटकों को बस्तर के आदिवासियों की कला, संस्कृति और कल्चर की झलक देखने को मिले सके.आने वाले समय में इस पर्यटन स्थल में पर्यटकों के सुविधाओं के लिए और भी कार्य किया जाना है.


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