Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले से होकर चलने वाली कई यात्री बसों में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. इसके बावजूद संबंधित जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कभी भी नियम विरूद्ध संचालित होने वाले वाहनों पर कार्रवाई नहीं करती है. यात्री बसों में मनमानी किराया वसूल करने की शिकायत तो हमेशा से ही यात्रियों की रहती है. इसके अलावा कई यात्री बसें ऐसी भी दौड़ रही है जिनमें निमयानुसार यात्रियों को टिकट ही नहीं दिया जाता है.
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले से चलने वाली कई यात्री बसों में जो टिकट यात्रियों को दिया जाता है. उसमें उस बस सर्विस का नाम ही अंकित नही रहता है. जबकि प्रत्येक यात्री बस में यात्रा करने वाले यात्रियों को दिये जाने वाले टिकट में संबंधित बस सर्विस का नाम अंकित होना अनिवार्य है. आमतौर पर देखने में आता है कि ज्यादातर यात्री बसों के द्वारा यात्रा करने वाले यात्रियों को जो टिकट दिया जाता है उसमें संबंधित बस का नाम नहीं होता. कुछ बस सर्विस तो जनता सेवा नाम से टिकट प्रदान की जाती है.
ऐसा लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी इस दिशा में खुद से कभी जांच पड़ताल ही नहीं करते. जिम्मेदार विभाग शिकायत का इंतजार करते है जबकि यह गंभीर मामला है कि कोई बस सर्विस जो टिकट यात्रियों को दे रहे है उसमें उस बस का नाम अंकित होना बेहद जरूरी है. कई बसों के द्वारा बस का नाम अंकित कर टिकट नहीं देकर टैक्स चोरी भी कर रहे है.
टैक्सियों से यात्रा में भी दावा कमजोर
इसी तरह कई टैक्सी वाले भी यात्रियों को ढोने का काम करते है. एक स्थान से दूसरे स्थान टैक्सी के माध्यम से आना जाना करते है लेकिन टिकट नही मिलती है. ऐसे में जब कभी टैक्सी दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और यात्री घायल होता है. तब दुर्घटना दावा के लिए यात्री मजबूती से अपना दावा न्यायालय में नही रख पाता है और कई बार यह साबित नही होने पर कि संबंधित टैक्सी से ही यात्रा करने से दुर्घटना हुए, ऐसे में दुर्घटना दावा से दुर्घटना का शिकार यात्री वंचित हो जाता है.
यात्रा टिकट में अंकित हो
मुख्य रूप से बस में यात्रा करने वाले यात्रियों को जो भी टिकट दिया जाये. उसमें संबंधित बस का नाम और पूर्ण पता, संचालक के नाम पता व मोबाईल नम्बर, यात्रियों के आने जाने स्थान का नाम व तिथि साफ शब्दों में अंकित हो, साथ ही कोई दुर्घटना होने पर हेल्फलाईन नम्बर भी अंकित होना अनिवार्य है.
दुर्घटना पर क्लेम लेने में परेशानी
विभिन्न कंपनियों के बसो में यात्रियों को कंपनी का नाम लिखे बिना ही टिकट लेकर यात्रा करने वालों को वैसे तो कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन उनकी परेशानी तब होगी. जब जिस बस में यात्रा कर रहे है उस बस कंपनी का नाम अंकित बिना टिकट लेकर यात्रा करते है और कभी बस दुर्घटना हो जाये. तब दुर्घटना का दावा मजबूती से प्रस्तुत करने में यात्रियों को बड़ी दिक्कत हो सकती है. इसी वजह से यात्री बसों को बस का नाम सहित टिकट यात्रियो को देने का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस नियम को बस संचालन नजर अंदाज कर यात्रियों के साथ बड़ा धोखा कर रहे है.
नामी कंपनी भी तोड़ रहे नियम
जिले से होकर सड़को पर दौड़ने वाली कई नामी कंपनी के बस भी नियम को तोड़ रहे है. बड़ी कंपनी के बसों में यात्रा करने के दौरान भी टिकट ऐसी दे रहे है जिसमें उस बस कंपनी का नाम तक अंकित नही होता. कई बार तो जनता सेवा नाम की टिकट यात्रियों को दी जा रही है. सिर्फ लंबी दूरी की यात्री बसों में ही नियमानुसार बस सर्विस का नाम सहित टिकट प्रदान किया जाता है. बस में यात्रा के दौरान बिना कंपनी का नाम का टिकट देना गंभीर मामला है. जिसकी जॉच कर कार्रवाई करने की जरूरत है.