Koriya News: वैवाहिक सीजनों में सबसे बड़ी परेशानी शादी घरों के पास पार्किंग को लेकर हो रही है. ज्यादातर शादी घर मुख्य मार्ग से लगे हुए है लेकिन उनके पास वाहन पार्किंग का कोई अलग से स्थान नहीं है. आलम यह होता है कि जिस दिन शादियां होती है उस दिन सड़कों पर गाड़ियां खड़ी होती है और आम लोग बेवजह परेशान होते है. मुख्य मार्ग से आने जाने वाले वाहन बेबस नजर आते है. 


कुछ एक शादी घरो को छोड़ दिया जाए जिनके पास वाहन पार्किंग की व्यवस्था है तो ज्यादातर ऐसे शादी घरो के संचालकों के पास वाहन पार्किंग की अलग से कोई व्यवस्था नहीं है. परिसर के अहाता से लेकर सड़क तक वाहन खड़ी होती है, सड़क के दोनो ओर वाहनें खड़ी होती है और रास्ता लगभग जाम की स्थिति में रहता है. ऐसे में शादी घर संचालकों को सिर्फ अपनी आय की चिंता होती है दूसरों की परेशानियों से कोई वास्ता नहीं होता वहीं दूसरी और प्रशासन भी इस दिशा में मौन है.


आमजनों को जिला प्रशासन भी ऐसे परेशानियों से जूझने के लिए छोड़ देता है जबकि यह जिम्मेदारी प्रशासन की है कि आम जनों की सुविधाएं बाधित न हो इसका पूरा ध्यान रखे. सड़के वाहनों के कारण जाम न हो इस पर भी ध्यान रखने की जरूरत है लेकिन जिला प्रशासन या फिर पुलिस प्रशासन इस दिशा में कुछ नहीं करता.


संचालकों की हो जिम्मेदारी
शादी घर संचालकों को यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए कि जिस दिन विवाह हो उस दिन वाहन पार्किंग के लिए सड़क से दूर वाहन पार्किंग कराये ताकि न तो सड़क जाम हो और न ही कोई सड़क हादसा. 


नहीं कोई समय सीमा डीजे की
लगभग जिलों में जिला प्रशासन ने विवाह के दौरान बजने वाले डीजे के लिए एक समय निर्धारित किया है ताकि देर रात्रि तक डीजे के कोलाहल से बुजुर्गों, बीमार जनो और महिलाओं बच्चों को बचाया जा सके. रात्रि में अधिकतम 10 बजे से 11 बजे तक ही निर्धारित होता है लेकिन कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में कोई प्रशासनिक कसावट नहीं होने के कारण मध्य रात्रि तक डीजे बजते रहते है और लोग परेशान होते रहते है.


आये दिन होते है विवाद 
विवाह के दौरान बारातियों के द्वारा मुख्य मार्ग को पूरी तरह बाधित कर अपनी धुन में घण्टो मौज मस्ती करते रहते है लेकिन उन्हें सड़क के एक ओर चलने के लिए समझाने वाले पुलिस का एक भी बंदा नजर नहीं आता. ऐसे में यदि मुख्य मार्ग से गुजरने वाले अन्य वाहन चालक उन्हें सड़क किनारे चलने की सलाह देते है तो विवाद निर्मित हो जाता है. यही हाल शादी घर के सामने होता है जहाँ पर वाहन लगभग सडको पर होते है और जब सड़क से किनारे वाहन करने की बात कहीं जाती है तो विवाद हो जाता है. पुलिस भी ऐसे विवादों से दूर रहती है और आम जनों को आपस में उलझने के लिए छोड़ दिया जाता है. जिला मुख्यालय में अनेकों बार ऐसे विवाद होते रहे है.


निर्माण से पूर्व पार्किंग की नहीं होती जांच
जब भी ऐसे विवाह घर निर्माण होते है और उनकी अनुमति ली जाती है तो जिला प्रशासन को चाहिए पहले इसके लिए निर्धारित पार्किंग स्थल के लिए भी जगह शामिल करें और सुनिश्चित करे की वाहन पार्किंग सड़क किनारे न होकर विवाह घर के परिसर या फिर संचालक द्वारा अलग से पार्किंग व्यवस्था की गई हो, तब ही भवन बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए. लेकिन कोरिया जिले में जिम्मेदार विभाग आँख मूंदे बैठा रहता है और बाद में परेशानी आमजनों की हो जाती है.


'बैठक कर निर्देश दिया जायेगा'
इस संबंध में कोरिया पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल ने कहा कि लगातार यह शिकायत आ रही है. इसलिए संबंधित संचालकों की एक बैठक कर उन्हें एक निर्देश दिये जायेंगे. ताकि वाहन पार्किंग को लेकर संचालक बेहतर व्यवस्था करें.


ये भी पढ़ें: Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सरगुजा पुलिस रेंज के 97 कॉन्स्टेबल बने हेड कॉन्स्टेबल, IG ने जारी की लिस्ट