Chhattisgarh: दल से बिछड़े दंतैल हाथी ने महिला को कुचल कर मार डाला, ग्रामीण इलाकों में दहशत
Elephant Killed Women: 2 सितंबर को भी एक दंतैल हाथी ने जनपद पंचायत खड़गवां अंतर्गत ग्राम पंचायत जरौंधा निवासी राजकुमारी पति वीरान सिंह को कुचल कर मौत के घाट उतार दिया है.
Koriya News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में लम्बे समय से हाथियों का दल कोरबा जिला होते हुए कोरिया के वन क्षेत्रों तक पहुंचता है और इस दौरान खड़गवां वन क्षेत्र होते हुए रामगढ़ के गुरूघासीदास राष्ट्रीय होते हुए इसी रास्ते से वापस चले जाता है. इस दौरान हाथियों का उक्त दल क्षेत्र में काफी उत्पात मचाता है. गांव के ग्रामीणों के फसलों को रौंद देता है. साथ ही उनके घरों को भी तोड़ देता है जिसके कारण गांव में निवास करने वाले ग्रामीण हाथियों के आने की खबर से ही दहशत में आ जाते है. पिछले कुछ वर्षो से हाथियों के उक्त दल ने कोरिया जिले में आधा दर्जन से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया है जिसके बाद ग्रामीण अपनी जान माल की सुरक्षा को लेकर ज्यादा चिंतित रहते है.
वैसे तो वन विभाग का अमला हाथियों के आने जाने पर अपनी नजर रखा है. साथ ही ग्रामीणों को हाथियों से दूरी बनाने के लिए भी लोगों को जागरूक करता है. इसके बाद भी किसी न किसी गांव में लोग हाथी का शिकार हो जाते है. गत 2 सितंबर को भी एक दंतैल हाथी ने जनपद पंचायत खड़गवां अंतर्गत ग्राम पंचायत जरौंधा निवासी राजकुमारी पति वीरान सिंह को कुचल कर मौत के घाट उतार दिया है. बताया जाता है. कि उस दौरान महिला अपने घर पर खाना बनाने के बाद खा रही थी. इस दौरान एक हाथी उसके घर पर हमला कर दिया और खाना खा रही महिला को मारने लगा.
कुचल-कुचल कर मौत के घाट उतार दिया
इस दौरान घर के सदस्यों ने हाथी को भगाने का प्रयास किये लेकिन विशाल हाथी के चंगुल से महिला को नहीं बचा सके. इधर हाथी ने महिला को कुचल कुचल कर मौत के घाट उतार दिया. फिर जंगल की ओर चला गया. घटना की सूचना मिलते ही वन अमला मौके पर पहुँच परिजनों के आर्थिक मदद देने की बात कहीं और लोगों को हाथी से दूर रहने साथ ही हाथी को किसी तरह का नुकसान न करने की बात कहीं. ग्राम में उक्त महिला की मौत से पूरे गांव में शोक व्याप्त है.
दल से बिछड़ा हाथी
बताया जाता है कि खडगवां वन मण्डल अंतर्गत कुछ दिन पूर्व ही 11 सदस्यीय हाथियों का दल पहुँचा था. इसी दल से एक दंतैल हाथी बिछड कर ग्राम पंचायत जरौंधा की ओर चला गया. दल से बिछड़ने के कारण हाथी ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है. बताया जाता है कि हाथी जब तक अपने दल से नहीं मिलेगा वह गुस्से में रहेगा. इस दौरान ग्रामीणों को अपनी सुरक्षा के लिए प्रयास करने की जरूरत है. ग्रामीण इलाकों में दल से बिछड़े इस इकलौते हाथी की वजह से दहशत व्याप्त है.
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