Chhattisgarh: पेट चलाने के लिए मांगे रुपए तो मिली मौत, छत्तीसगढ़ से पलायन करने वाले मजदूर का परिवार हुआ बेसहारा
रोजी राेटी के लिए छत्तीसगढ़ से यूपी पलायन करने वाले एक मजदूर की दर्दनाक माैत हो गई. इस घटना ने पेट के लिए मजदूरों के पलायन की दास्तां एक बार फिर सामने रख दी है.
Chhattisgarh: राजगीर सोनझरी पेट के लिए पलायन ना करता तो शायद आज उसकी इस तरह मौत न होती. ऐसा इसलिए क्योंकि परिवार का पेट पालने के लिए जिले के एक मजदूर को उत्तर प्रदेश के लिए पलायन करना पड़ा और अब उसकी दर्दनाक मौत हो गई है. तो ये सवाल उठने लगा है कि आखिर पेट के लिए छत्तीसगढ से कब तक पलायन होता रहेगा. पूरा मामला जिले के कुदरी गांव में रहने वाले एक मजदूर की मौत से जुड़ा है. जिसकी मौत के बाद परिजन पलायन को मजबूरी औऱ मौत को ठेकेदार की पिटाई बता रहे हैं. अब मामला छत्तीसगढ की जांजगीर पुलिस के पास है. ऐसे में देखना है कि पुलिस उन आरोपियों तक पहुंचने में कितना समय लगाती है. जो परिवार के एकलौते कमाने वाले व्यक्ति के मौत के जिम्मेदार हैं.
पेट के लिए यूपी के प्रयागराज तक का सफर
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा इलाके से लगातार कई वर्षों से मजदूर उत्त प्रदेश के ईंट भट्ठों में काम करने जाते रहे हैं और काम के लिए पलायन का ये सिलसिला अब तक जारी है. लेकिन शासन प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है. पलायन का एक ऐसा ही मामला जिले के कुदरी गांव से इसलिए सामने आया है क्योंकि उत्तर प्रदेश पलायन करने वाले मजदूर का शव छत्तीसगढ़ लौटा है. दरअसल छत्तीसगढ़ के इस जिले के कुदरी गांव का एक मजदूर राजगीर सोनझरी. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के ग्रामीण क्षेत्र स्थित किसी ईंट भट्ठे में काम करने गए थे. लेकिन कल उनका शव लेकर उनके परिजन जब जांजगीर के कोतवाली थाने पहुंचे. तो पूरे मामले का खुलासा हुआ.
पेट चलाने के लिए रुपए मांगे तो मिली मौत
मृतक की पत्नी ने बताया कि 24 तारीख को जब उनके पति राजगीर ने खाने के खर्च के लिए ठेकेदार से 1500 रुपए की मांग की. तो ठेकेदार ने ईंट भट्टा संचालक से इस बात को शिकायत के तौर पर पेश किया औऱ संचालक को बताया कि ये लोग उतना काम नहीं कर रहे है. जितनी ये रुपये मांग रहे हैं. ठेकेदार की इस बात को सुनकर भट्टा संचालक प्रवीण त्रिपाठी ने राजगीर के साथ पहले ईंट भट्टे में मारपीट की. उसके बाद उसको अपने आफिस में बुलाकर उसके साथ जमकर मारपीट की औऱ फिर बेहोश हालत में उसको इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भिजवा दिया. जहां उपचार के दौरान मजदूर राजगीर की मौत हो गई. इतना ही नहीं मौत की खबर के बाद मालिक औऱ ठेकेदार ने राजगीर के शव को गोपनीय तरीके से एंबुलेंस में भरकर परिजनों के साथ उसको छत्तीसगढ़ स्थित उसके गांव भेज दिया औऱ उसकी पत्नी बच्चों को ये धमकी दी कि तुम लोग को मार कर गंगा में बहा दूंगा.
पामगढ़ की महिला दलाल ले गई थी यूपी
मृतक के परिजनों ने बताया कि एक महीने पहले जिले के पामगढ की एक महिला दलाल कुदरी गांव के लोगों के साथ जिले के 40 मजदूरों को ईंट भट्टा में काम दिलाने की बात कहकर उत्तर प्रदेश लेकर गई थी. जहां तीन सप्ताह काम करने के बाद मौसम में आई खराबी से ईंट बनना बंद हो गया था. और ईंट भट्ठा संचालक ने खाना पानी के लिए एक सप्ताह में 700 रुपए दिए. लेकिन इतने रुपए से बीवी, बच्चों समेत राजगीर का काम नहीं हो पा रहा था. इसी बात को लेकर राजगीर ने उनको ले जाने वाली महिला ठेकेदार से अपनी परेशानी बताई थी. जिसके बाद उसके साथ मारपीट हुई औऱ उसकी मौत हो गई. फिलहाल परिजनों में मामले में दोषी ठेकेदार, मालिक के खिलाफ कारवाई की मांग की और मृतक के पत्नी बच्चों को मुआवजा देने की मांग की है. राजगीर के मौसा भागीरथी ने बताया कि छत्तीसगढ़ छोड़ के हम उत्तर प्रदेश कमाने गए तो क्या गलत किए. काम करने गए हैं. भूख से तो नहीं मरेंगे. पेट चलेगा तभी तो काम करेंगे. भूखे कोई काम नहीं कर सकता. भूखे काम करते तो अपने छत्तीसगढ़ छोड़ के उत्तर प्रदेश क्यों कमाने जाते.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
जांजगीर थाना प्रभारी उमेश साहू ने कहा "इलाहाबाद में काम करने गए मजदूर राजगीर सोनझरी की मृत्यु की सूचना उसकी पत्नी के द्वारा थाना सिटी कोतवाली जांजगीर में दी गयी है. मर्ग कायम करके पंचनामा कार्रवाई की जा रही है. आगे जांच में जैसा भी बिंदु आएगा. कार्रवाई की जाएगी."
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