Ambikapur Land Scam News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में 4 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को बेचने का मामला सामने आया है. सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के नमनाकला में राजमोहनी भवन के पीछे स्थित 4.22 एकड़ गोचर जमीन को माफियाओं ने बेच दिया.


इस जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में दूसरे व्यक्ति के नाम पर दर्ज कर बिक्री के मामले में कलेक्टर सरगुजा की कोर्ट ने समस्त रजिस्ट्रियों को शून्य घोषित कर दिया है. मामले की अंतिम सुनवाई गुरूवार (28 मार्च) को सरगुजा कलेक्टर कोर्ट में की गई.


सरगुजा कलेक्टर ने इस जमीन को शासकीय मद की गोचर भूमि के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी. दरअसल, अम्बिकापुर के नमनाकला निवासी बंसू लोहार की मौत 15 साल पहले हो चुकी है. उसे सिंहदेव योजना के तहत वर्ष 1967-68 में नमनाकला में शासकीय नजूल भू-खंड क्रमांक 243/1 में से 4.22 एकड़ भूमि का पट्टा जारी किया गया था.


अम्बिकापुर में जमीन घोटाला


साल 1971-72 में अम्बिकापुर के नमनाकला के सभी शासकीय भूमि को नजूल घोषित कर दिया गया था. इसमें बंसू लोहार की जमीन भी नजूल अभिलेखों में दर्ज हो गई थी. इसके बाद अम्बिकापुर के भू-माफिया ने नमनाकला निवासी बंसू लोहार के स्थान पर परसा निवासी दूसरे बंसू लोहार को तैयार किया.


उसे फुन्दूरडिहारी का निवासी बताकर नया आधार कार्ड बनवाकर नामांतरण के लिए आवेदन पेश कर नजूल रिकॉर्ड में गलती सुधार करने और नामांतरण दर्ज करने का आवेदन पेश किया. 


भू-माफियाओं ने बेच दी सरकारी जमीन


इस पर तात्कालिक नजूल अधिकारी ने शासकीय राजस्व कर्मचारियों से मिलीभगत कर उस बेशकीमती जमीन को बंसू पिता भुट्कुल लोहार के नाम पर दर्ज कर दी. इसके बाद भू-माफिया ने बेशकीमती जमीन को प्लाटिंग कर बेच दी थी. जिसकी शिकायत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर से की थी. वहीं, इसके बाद कलेक्टर ने इस मामले से जुड़े अफसरों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया था.


बहरहाल नजूल भूमि यानी सरकारी जमीन को स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग, कोर्ट, पुलिस विभाग, नगर पालिक निगम के लिए सुरक्षित रखे जाने का निर्देश दिया गया है. 


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