Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में आज धान खरीदी का आखरी दिन, जानिए कितनी हुई खरीदी और कितने किसान नहीं पाए बेच
राज्य में 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी किया गया था लेकिन जनवरी में बेमौसम बारिश के चलते धान खरीदी करीब 10 दिनों के लिए प्रभावित हुई. इसके चलते 7 फरवरी तक समय बढ़ाया गया है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में आज धान खरीदी का अंतिम दिन है. राज्य सरकार ने इस वर्ष धान खरीदी का जो लक्ष्य रखा है उसके करीब पहुंच चुके हैं. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के चालू सीजन में 4 फरवरी तक 97.71 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है. प्रदेश में अब तक 21.74 लाख किसानों उपार्जन केन्द्रों में धान बेच चुके हैं.
105 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य
राज्य में 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी किया गया था लेकिन जनवरी में बेमौसम बारिश के चलते धान खरीदी करीब 10 दिनों के लिए प्रभावित हुई. इसके चलते 7 फरवरी तक धान खरीदी का समय बढ़ाया गया है. वो समय भी आज पूरा हो जाएगा. राज्य सरकार ने इस वर्ष 24 लाख से अधिक किसानों से 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है. लक्ष्य से करीब 8 लाख मीट्रिक टन धान खरीद से पीछे है. यह लक्ष्य इन बचे हुए तीन दिनों में कैसे पूरा होगा एक बड़ा सवाल है. फिलहाल अबतक 21.74 लाख किसानों ने धान बेचा है. धान खरीदी के एवज में किसानों को 19,000.46 करोड़ रूपए जारी भी किया जा चुका है.
करीब 2 लाख किसान नहीं बेच पाए धान
इस वर्ष धान बेचने ने के लिए 24 लाख से अधिक किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है लेकिन 4 फरवरी तक राज्य के 21 लाख 74 हजार किसान धान बेच पाए हैं. अभी पंजीकृत किसानों में करीब 2 लाख किसानों ने अबतक धान नहीं बेचा है. खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चालू सीजन में बचे हुए धान बेचने वाले किसानों को टोकन की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है.
61.10 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव
खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा ने यह भी बताया कि, इस वर्ष धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का तेजी से उठाव भी किया जा रहा है. 4 फरवरी तक डीओ और टीओ के माध्यम से 61.10 लाख मीट्रिक टन धान का रिकॉर्ड उठाव हो चुका है और 51 लाख 17 हजार मीट्रिक टन धान का डीओ जारी कर दिया गया है. उपार्जन केन्द्रों से मिलर्स द्वारा 45 लाख 02 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है. इसी प्रकार 20 लाख 67 हजार मीट्रिक टन धान के परिवहन के लिए टीओजारी किया गया है. जिसके बाद समितियों से 16 लाख 08 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है.
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