Chhattisgarh news: छत्तीसगढ़ में शराबबंदी 2018 विधानसभा चुनाव के एक बड़ा वादा था. लेकिन साढ़े चार साल के बाद भी कांग्रेस सरकार ने शराबबंदी नहीं की है. इसपर लगातार सवाल उठाए जा रहे है. तो वहीं अब राज्य सरकार की तरफ से नशाबंदी पर शुरुआती पहल कर दी गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव को नशाबंदी के दिशा में अभियान चलाने के लिए निर्देश दिए है. इसके अलावा समाज कल्याण विभाग को नशा मुक्ति के लिए एक महीने के भीतर कार्ययोजना का प्रस्ताव पेश करने के लिए निर्देश दिया गया है.
नशाबंदी के लिए मुख्यमंत्री ने चीफ सेक्रेटरी को दिया निर्देश
दरअसल गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में नशे के दुष्प्रभावों से समाज को बचाने के लिए बड़े स्तर पर जन-जागरण अभियान शुरू करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि नशा मुक्ति जन-जागरण अभियान की विस्तृत कार्य योजना तैयार करने देश में नशा मुक्ति के लिए काम कर रहे लोकप्रिय व्यक्तियों और संस्थाओं से आवश्यक रूप से सलाह लिया जाए. इसके अलावा समाज कल्याण विभाग एक महीने में नशा मुक्ति जन-जागरण अभियान की विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करें.
CM ने कहा नशे से लोग अकाल मृत्यु का भी शिकार बन जाते है
इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस अभियान में शासकीय प्रयासों के साथ ही एन.जी.ओ. सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थाओं का सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जाए. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को जारी निर्देश में कहा है कि नशा एक ऐसी गंभीर सामाजिक बुराई है, जिससे मनुष्य का अनमोल जीवन गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है और वह अकाल मृत्यु का भी शिकार बन जाता है. नशे के लिए लोगों द्वारा गांजा, भांग, जर्दा गुड़ाखू, तंबाकू, शराब, गुटका, धूम्रपान, चरस, अफीम, स्मैक, कोकीन और ब्राउन शुगर जैसे मादक पदार्थों का सेवन किया जाता है.
युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाने के लिए पहल
सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस(Chhattisgarh police) नशे के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर रही है और छत्तीसगढ़ सरकार भी इसे रोकने का प्रयास कर रही है. लेकिन जब तक हम इस अभियान को जनमानस से नहीं जोड़ेंगे और जन-जन तक नहीं पहुंचायेंगे, तब तक यह अभियान सफल नहीं हो पाएगा. युवा पीढ़ी(Young Generation) में नशे की लत तेजी से बढ़ना अत्यधिक चिंताजनक विषय है.
नशाबंदी के लिए स्कूल कॉलेज में होगा सेमीनार
समाज को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने, युवा पीढ़ी को बर्बादी से बचाने और उनकी संपूर्ण ऊर्जा का राष्ट्र निर्माण में उपयोग करने के लिए आवश्यक है कि नशा मुक्ति के लिए बड़ा जन-जागरण अभियान आरंभ किया जाये. हायर सेकेण्डरी स्कूल (School), कॉलेज(college) और यूनिवर्सिटी(University) के छात्रों में जागरूकता के लिए सेमीनार आयोजन किए जाए. सरकारी प्रयासों के साथ ही एन.जी.ओ. सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थाओं का सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जाए.
चुनावी साल में शरबबंदी पर सरकार की पहल
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने शराबबंदी(liquor ban) के लिए एक कमेटी बनाई है. इसके जरिए जिन राज्यों में शराबबंदी की गई है. वहां की रिपोर्ट समझा जा रहा है. लेकिन कांग्रेस सरकार(Congress government)दावा कर रही है. अचानक शराबबंदी करने से लोगों को नुकसान पहुंच सकता है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(CM Bhupesh Baghel) कई बार सार्वजनिक मंच में कह चुके है कि लॉकडाउन(Lockdown) में शराब बंद हुआ तो कुछ लोगों ने सैनिटाइजर(sanitizer) पी लिया था. इससे उनकी मौत हो गई थी. इस लिए अबतक शराबबंदी का वादा पूरा नहीं हुआ है. लेकिन चुनावी साल में सरकार ने एक पहल करते जरूर नज़र आ रही है.
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