Chhattisgarh Liquor Scam Case Supreme Court: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी की कार्रवाई पर सवाल खड़ किए हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती सरकार के दौरान सामने आए कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह उजागर हो गया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) किस तरह से साजिश रच रही है.
भूपेश बघेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों को निशाना बना रही है. सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ दर्ज धन शोधन का मामला सोमवार को रद्द कर दिया.
'मोदी सरकार हुई बेनकाब'
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपनी टिप्पणी में कहा कि अपराध से कोई संपत्ति नहीं अर्जित की गई है. इस फैसले के बाद बघेल ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, किसी राजनीतिक दल के प्रति नहीं. बघेल ने कहा, "ईडी का शर्मनाक राजनीतिक दुरुपयोग साबित हुआ और मोदी सरकार बेनकाब हुई."
बघेल ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर भूपेश बघेल ने कहा, "शीर्ष अदालत के आज के फैसले से साबित हो गया है कि ईडी बीजेपी के इशारे पर हर मामले को धन शोधन का मामला बनाकर विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश रच रही है." उन्होंने कहा, "विधानसभा चुनाव के समय ईडी ने शराब घोटाले का मामला दर्ज किया और बीजेपी को चुनावी हथियार दिया. बीजेपी ने पूरे चुनाव में कांग्रेस की सरकार को बदनाम करने की कोशिश की. आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि बीजेपी सिर्फ झूठ फैला रही थी."
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "बीजेपी की केंद्र सरकार द्वारा लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने का यह षडयंत्र खुल गया है. यह सही समय है जब ईडी जैसी जांच एजेंसियों को भी समझना चाहिए कि उनकी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, वे किसी राजनीतिक खेल का हिस्सा न बनें."
ईडी ने आरोपपत्र में किया ये दावा
पिछले साल जुलाई में, ईडी ने रायपुर की धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में कथित शराब घोटाला मामले में अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) दायर किया था, जिसमें दावा किया था कि कथित "शराब घोटाला" में 2161 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ. ईडी ने कहा था कि आबकारी विभाग की मुख्य जिम्मेदारी शराब की आपूर्ति करना, जहरीली शराब की त्रासदियों को रोकने के लिए उपयोगकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण शराब आपूर्ति सुनिश्चित करना और राज्य के लिए राजस्व अर्जित करना है.
ईडी ने आरोपपत्र में दावा किया था कि अनिल टुटेजा और व्यवसायी अनवर ढेबर (कांग्रेस नेता और रायपुर महापौर एजाज ढेबर के भाई) के नेतृत्व में आपराधिक सिंडिकेट ने इन उद्देश्यों को पलट दिया. इसमें कहा गया कि इस सिंडिकेट में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह, नेता, उनके सहयोगी और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं.
एसीबी ने भी दर्ज किया 70 लोगों पर मामला
इस वर्ष की शुरुआत में छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी ईडी की एक रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस नेताओं और कंपनियों सहित 70 लोगों के खिलाफ कथित शराब घोटाले में मामला दर्ज किया. पिछले सप्ताह कथित घोटाले में अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को गिरफ्तार किया.
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