Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान हुए दो हजार करोड़ से ज्यादा के शराब घोटाले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो और केंद्रीय जांच एजेंसियां कर रही हैं. इस शराब घोटाले में डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर हजारों करोड़ का घोटाला किया गया. जांच में सामने आया कि डुप्लीकेट होलोग्राम नवा रायपुर के जिस जीएसटी भवन में छापा जाता था, वहां पर असली होलोग्राम की प्रिंटिंग भी होती थी. 


छत्तीसगढ़ में प्रिज्म होलोग्राफी एंड सिक्योरिटी लिमिटेड को शराब के होलोग्राम छापने का काम दिया गया था. यहां होलोग्राम छापने के बाद होलोग्राम डिसलरी में भेजा जाता था, जिसके बाद वहां शराब की बोतलों में होलोग्राम चस्पा किया जाता था और वह शराब सरकारी दुकानों में जाता था. इस बीच 2019 से जनवरी 2023 तक असली के साथ नकली और फर्जी होलोग्राम छाप कर उन्हें शराब की बोतलों में चस्पा कर हजारों करोड़ का शराब घोटाला किया गया. 


क्या है पूरा मामला?
इसके लिए शराब दुकानों में दो काउंटर होते थे, असली शराब का पैसा एक काउंटर में रखा जाता था. जबकि फर्जी नकली होलोग्राम से बिक्री किया गया शराब का पैसा दूसरे काउंटर में रखा जाता था. इस घोटाले में शराब दुकान के कर्मचारी शामिल थे उनसे दुकान बंद होने के बाद रोज का हिसाब लिया जाता था. इस शराब घोटाले के तार तत्कालीन सरकार से भी जुड़े हुए थे. 


केंद्रीय जांच एजेंसियों ने कार्यवाही के दौरान आबकारी विभाग के स्पेशल सेक्रेट्री एपी त्रिपाठी, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो फिलहाल जेल में बंद है. सूत्रों की मानें तो एपी त्रिपाठी ने ही प्रिज्म होलोग्राफी एंड सिक्योरिटी कंपनी को नकली होलोग्राम छापने को कहा था. यही नहीं नकली होलोग्राम डिसलरी तक पहुंचाया जाता था और उसे शराब की बोतलों में चस्पा किया जाता था जो दुकानों में पहुंचती थी. लेकिन उनकी बिक्री के बाद उसका पैसा अधिकारियों और राजनेताओं तक पहुंचता था.


ऐसे में चार साल में धीरे-धीरे यह घोटाला हजारों करोड़ तक पहुंच गया. बता दें छत्तीसगढ़ एसीबी, ईओडब्ल्यू और केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच में एक बात और सामने आई थी कि शराब घोटाले में तत्कालीन सरकार के कई बड़े अधिकारी शामिल थे. इसके अलावा रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई शराब कारोबारी अनवर ढेबर के धनेली स्थित ढेबर बाड़ी में भी शराब का नकली कारोबार होता था. यहां भी शराब की बोतलों में नकली होलोग्राम चस्पा किए जाते थे और कई ब्रांड की शराब की पैकेजिंग की जाती थी.


वहीं कुछ महीने पहले जब जांच एजेंसियों ने अनवर ढेबर के धनेली स्थित ढेबर बाड़ी में छापेमारी की थी तो जमीन के अंदर उन्हें डुप्लीकेट होलोग्राम मिले थे. बताया जा रहा है कि जब शराब घोटाले की जांच तेजी से शुरू हुई तो आनन-फानन में जमीन के अंदर ही नकली होलोग्राम गाड़ दिए गए. जांच के बाद फिलहाल ढेबर बाड़ी को सील कर दिया गया है. वहीं अलग-अलग पहलुओं पर केंद्रीय जांच एजेंसी बारीकी से जांच कर रही हैं. माना जा रहा है कि जांच में कई बड़े नेता रडार पर हैं. आने वाले दिनों में जिनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.


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