छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. राज्य में सर्वाधिक धान की खेती होती है. लेकिन अब दूसरे फसलों पर भी किसानों को भारी मुनाफा हो सकता है. लाख की खेती करने के लिए किसानों को बिना ब्याज के लोन देने का राज्य सरकार ने फैसला किया है और लाख की खरीदी भी राज्य सरकार करेगी. राज्य सरकार ने दावा किया है कि इस खेती से किसानों को 250 करोड़ रुपए का फायदा हो सकता है.


लाख की खेती से किसानों को होगा 250 करोड़ का फायदा


दरअसल राज्य में वर्तमान में 4 हजार टन लाख का उत्पादन होता है, जिसका अनुमानित मूल्य राशि 100 करोड़ रूपए है. राज्य में लाख उत्पादन को 10 हजार टन तक बढ़ाते हुए 250 करोड़ रूपए की आय किसानों को देने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है. फिर छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने बीहन लाख की उपलब्धता, खरीदी बिक्री और फसल के लिए बिना ब्याज के लोन देने की व्यवस्था की है.




275 से 550 रुपए तक लाख की कीमत


राज्य में बीहन लाख की कमी को दूर करने के लिए किसानों के पास उपलब्ध बीहन लाख को उचित मूल्य पर खरीदी करने के लिए खरीदी दर का भी निर्धारण किया गया है. इसके अनुसार कुसुमी बीहन लाख जो बेर के पेड़ से मिलता है इसके लिए किसानों को प्रति किलो की दर से 550 रूपए मिलेगा. वहीं पलाश पेड़ से मिलने वाले रंगीनी बीहन लाख के लिए किसानों को 275 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से खरीदी की जाएगी.


पेड़ में लाख की खेती के लिए मिलेगा लोन


इसी तरह जिन पेड़ों से लाख मिलता है उसके पालन पोषण के लिए लोन भी निर्धारती कर दिया गया है. राज्य सरकार ने किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला सहकारी बैंक के माध्यम से लाख फसल लोन बिना ब्याज के देने की व्यव्स्था की गई है. इसके अनुसार लाख पालन करने वाले पोषक पेड़ कुसुम पर 5 हजार रूपए, बेर पर 900 रूपए और पलाश पर 500 रूपए प्रति पेड़ लोन की सीमा निर्धारित की गई है.


लाख के लिए किसानों को 15 दिसंबर तक पैसा जमा करना होगा


राज्य में लाख उत्पादन में वृद्धि करने के लिए 20 जिला यूनियनों में 03 से 05 प्राथमिक समिति क्षेत्र को जोड़ते हुए लाख उत्पादन क्लस्टर का गठन भी किया गया है. इसके तहत प्रत्येक लाख उत्पादन क्लस्टर में सर्वेक्षण कर किसानों से बीहन लाख की मांग की जानकारी ली जा रही है. इनमें किसानों को संघ द्वारा निर्धारित मूल्य पर बीहन लाख प्रदाय करने के लिए आवश्यक कुल राशि को पहले से जिला यूनियन खाते में जमा कराना होगा. इसके लिए समय भी निर्धारित किया गया है, जिसके अनुसार 15 दिसंबर तक किसान पैसे जमा कर सकते है.


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