Chhattisgarh News: बस्तर लोकसभा सीट पर मतदान संपन्न कराने के बाद पोलिंग पार्टी मुख्यालय वापस लौट गई है. 8 विधानसभा में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराकर ईवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम में जमा करवा दिया गया है. जानकारी के मुताबिक 1957 मतदान केन्द्रों पर चुनाव संपन्न कराने के बाद सभी मतदान दल कड़ी सुरक्षा में वापस लौट चुके हैं.
वहीं मतदान दल के वापस पहुंचने पर मतदानकर्मियों का फूलों से स्वागत किया गया. अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा जिले के पूवर्ती, सिलगेर, मीनपा और एलमगुंडा, जोनागुड़ा, टेकलगुड़ा के अलावा बीजापुर और नारायणपुर जिले के सभी मतदान दलों को हेलीकॉफ्टर की मदद से सुरक्षित वापस लाया गया है.
सभी मतदान दल सुरक्षित वापस लौटे
घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से मतदान कराकर वापस लौटे मतदानकर्मियों ने अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि जवानों ने सुरक्षा के साये में मतदान केन्द्रों तक पहुंचाया. उनकी भरपूर मदद शामिल रही. इस बार बस्तर लोकसभा क्षेत्र में अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर 60 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई. पुरूषों के साथ महिला बुजुर्ग और युवाओं ने भी बढ़ चढ़कर मतदान किया. मतदान केंद्रों से लेकर अति संवेदनशील क्षेत्रो में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये जाने से नक्सलियों का नापाक मंसूबा फेल हो गया.
चार से किलोमीटर चलना पड़ा पैदल
बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विधानसभा और लोकसभा चुनाव संपन्न कराना चुनाव आयोग के लिए काफी चुनौती होती है. वोटिंग से तीन दिन पहले सभी अति संवेदनशील और संवेदनशील मतदान केंद्रों के लिए पोलिंग पार्टी को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रवाना किया गया था. खासकर सुकमा जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हेलीकॉप्टर से पहुंचाना और ईवीएम मशीन के साथ मतदान कर्मियों को सुरक्षित रखना काफी बड़ी चुनौती होती है.
सुकमा जिले में ऐसे कई इलाके हैं जहां मतदान कर्मियों को मतदान केंद्र तक चार से पांच किलोमीटर कड़ी सुरक्षा के बीच ईवीएम मशीन लेकर पैदल चलना पड़ता है. मीनपा इनमें से एक उदाहरण है, जहां एक-एक मतदान कर्मी के लिए चार- चार जवानों को सुरक्षा में लगाया था.
मतदान कर्मियों को फूलों से स्वागत
मतदानकर्मी अपने कंधे पर ईवीएम मशीन उठाये 4 किलोमीटर पैदल चलकर सुरक्षित हेलीपैड तक पहुंचे. हेलीपैड से सुकमा मुख्यालय तक उन्हें हेलीकॉप्टर में लाया गया. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि इन क्षेत्रों में मतदान कराने गए सभी मतदान दल सुरक्षित वापस लौट चुके हैं. चुनाव में कहीं भी नक्सलियों की तरफ से ईवीएम लूट या अन्य कोई अप्रिय घटनाएं नहीं हुई.
हालांकि प्रथम चरण के चुनाव में जरूर ऐसी 2 बड़ी घटनाएं हुई जिसमें सीआरपीएफ के एक जवान को खोने के साथ एक जवान बुरी तरह से घायल हो गया. बावजूद इसके जवानों का मनोबल कम नहीं हुआ और सुरक्षित मतदान कराने के साथ सभी मतदान दलों को वापस लाया गया.
जिले के आला अधिकारियों ने मतदान कर्मियों को फूल देकर स्वागत किया. आईजी ने कहा कि इस बार का लोकसभा चुनाव ऐसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होना और ग्रामीण मतदाताओं का बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना लोकतंत्र की काफी बड़ी जीत है.