Mahant Ram Sunder Das: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस की विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में करारी हार के बाद इस्तीफे का दौर जारी है. सिंगर दिलीप षड़ंगी के बाद महंत राम सुंदर दास (Ram Sunder Das) ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. महंत राम सुंदर दास को पार्टी ने रायपुर दक्षिण विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था. कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा मार्जिन से रायपुर दक्षिण सीट में ही हार मिली. अब महंत राम सुंदर दास ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा लेटर भेज दिया है और हार की पूरी जिम्मेदारी ली है. आइए जानते हैं कौन हैं राम सुंदर दास...
दरअसल बीजेपी के दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल जो अबतक लगातार 8 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू कार्ड खेलते हुए महंत राम सुंदर दास को चुनावी मैदान में उतारा था. लेकिन कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा और साथ ही रायपुर जिले की सभी 7 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया. अब पार्टी में समीक्षा का दौर चल रहा है. इसी बीच महंत राम सुंदर दास ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है.
पार्टी अध्यक्ष को दो दिन पहले ही भेज दिया था इस्तीफा
महंत राम सुंदर ने 12 दिसंबर को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को इस्तीफा लेटर भेजा है. इसमें उन्होंने लिखा है कि ''अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बहुत ही विश्वास करके मुझे रायपुर शहर दक्षिण विधानसभा का प्रत्याशी बनाया. सभी कार्यकर्ताओं ने काम किया. लेकिन परिणाम आशा के अनुरूप नहीं रहा और प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों के अन्तर से इस सीट पर पराजय हुई. इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं. कृपया स्वीकार करने का कष्ट करें.''
महंत के इच्छा के विरुद्ध मिला था रायपुर दक्षिण से टिकट
आपको बता दें कि राम सुंदर दास दूधाधारी मठ के महंत है. जांजगीर चांपा जिले से 2 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार भी जांजगीर चांपा से ही टिकट मांग रहे थे. लेकिन पार्टी ने उन्हें रायपुर दक्षिण से टिकट दिया. इसको लेकर महंत ने नाराजगी जताई थी. इसके अलावा खास बात ये है कि पार्टी ने महंत को उस सीट से टिकट दी जहां बृजमोहन अग्रवाल पिछले 33 साल से अजय रहे हैं. इसके साथ दोनों को गुरु शिष्य की जोड़ी कहते हैं. मठ और बृजमोहन अग्रवाल के परिवार का रिश्ता पिछले 3 दशक से है. राम सुंदर दास से पहले दूधाधारी मठ के ब्रम्हलीन महंत लक्ष्मी नारायण दास के भी बृजमोहन अग्रवाल और उनके पिता रामजीलाल अग्रवाल के साथ गुरु-शिष्य के संबंध थे.
बृजमोहन अग्रवाल ने गुरु को 67 हजार वोटों के अंतर से हराया
गौरतलब कि बृजमोहन अग्रवाल को 2023 के चुनाव में कुल 1 लाख 9 हजार 263 वोट मिले हैं. वहीं महंत राम सुंदर दास को महज 41 हजार 544 वोट मिले. यानी बृजमोहन अग्रवाल ने 67 हजार 719 वोटों से चुनाव में जीत दर्ज किया है. वहीं वोट प्रतिशत की बात करें तो 69.48 प्रतिशत बृजमोहन अग्रवाल को मिला है और महंत राम सुंदर दास को 26.42 प्रतिशत वोट मिला है. आपको ये भी बता दें कि बृजमोहन अग्रवाल 1990 में पहली बार अविभाजित मध्य प्रदेश में विधायक बने, इसके बाद 1993,1998 में अविभाजित मध्य प्रदेश में 3 बार एमएलए बने. फिर छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद लगातार 4 बार 2003,2008,2013,2018 में चुनाव जीत चुके हैं.