(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mahasamund Bear Attack: महासमुंद में भालू का आतंक, पांच ग्रामीणों को बनाया अपना शिकार
Bear Attack in Mahasamund: महासमुंद जिले के अलग अलग इलाकों में भालू ने हमला कर 5 ग्रामीणों को घायल कर दिया. गनीमत रही कि किसी भी घटना में भालू लोगों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाया.
Bear Attack in Mahasamund: महासमुंद जिले के अलग अलग इलाकों में भालू ने हमला कर 5 ग्रामीणों को घायल कर दिया. छत्तीसगढ़ वनकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से हाथी, भालू जंगल छोड़ रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ रहे हैं. आग लगने से प्रदेश के जंगलों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है. वनकर्मियों के हड़ताल का खामियाजा वनांचल क्षेत्रों में लोगों को भुगतना पड़ रहा है. जंगली जानवरों के रिहाइशी इलाकों की तरफ जाने से लोग डरे हुए हैं.
जंगल से निकले भालू ने ग्रामीणों पर बोला धावा, 5 घायल
बागबाहरा रेंज में आज सुबह भालू के हमले से तेंदुकोना, भदरसी और बाम्हन सरा में 5 ग्रामीण घायल हो गए. सभी घायलों को ग्रामीणों की सहायता से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गनीमत है घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई गई है. 72 वर्षीय भदरसी निवासी कलानाथ गोंड़ सुबह पांच बजे घर से खेत जाने निकला था. गांव के जंगल से निकले भालू ने ग्रामीण पर हमला कर दिया. कलानाथ के शोर मचाने पर अन्य लोग लाठी डंडा लेकर पहुंचे लेकिन तब तक भालू जंगल में भाग चुका था.
भालू के हमले की दूसरी घटना में बाम्हनसरा निवासी संतराम ध्रुव घायल हो गया. संतराम ध्रुव महुआ बीनने सुबह पांच बजे निकला था. भालू ने अचानक धावा बोल दिया. संतराम ध्रुव के दाहिने हाथ में चोट आई है. अन्य घटना तेंदुकोना में हुई. भालू के हमले से तीन लोग घायल हो गए. तेंदुकोना निवासी 40 वर्षीय हीरासिंह सुबह घर से घूमने निकला था. भालू ने हमला कर घायल कर दिया. तेंदुकोना की ही निवासी 61 वर्षीय फूलबाई सुबह पांच बजे महुआ बीन रही थी, अचानक भालू ने धावा बोल दिया.
वनकर्मियों की वन मंत्री से दो बार की बातचीत बेनतीजा
भालू ने महुआ बीन रहे 60 वर्षीय रघुवर सिंह पर भी हमला किया. गनीमत रही कि किसी भी घटना में भालू लोगों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाया. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के बैनर तले वन रक्षक, वनकर्मी मांगों के समर्थन में 13 दिनों से हड़ताल पर हैं. हड़ताली कर्मियों की वन मंत्री और पीसीसीएफ से दो बार की बातचीत बेनतीजा साबित हुई. मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन नहीं मिलने से हड़ताल जारी है.
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