Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि (Mahashivaratri 2023) तक आयोजित होने वाले सुप्रसिद्ध राजिम माघी पुन्नी मेला (Rajim Maghi Punni Mela 2023) का भव्य शुभारंभ आतिशबाजी के साथ कर दिया है. सीएम बघेल ने पूजा अर्चना के साथ साथ आरती करके राजिम माघी पुन्नी मेला का शुभारंभ किया. इस शुभारंभ मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे धर्मस्व, पर्यटन एवं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी मौजूद थे.
बीजेपी ने बिगाड़ा मेले का स्वरूप-सीएम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजिम को कमल क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. माघी पुन्नी मेला के स्वरूप को बिगाड़ कर पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने कुंभ बना दिया, जिनका खूब विरोध हुआ. हमनें छत्तीसगढ़ में सत्ता की बागडोर सम्हालने के बाद इसके प्राचीन एवं गरिमामय स्वरूप को यथावत रखने के लिए संशोधन बिल लाया. हमारी सरकार राज्य की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार काम कर रही है.
किसानों के लिए लगातार निर्णय-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए लगातार नए-नए निर्णय लिए जा रहे हैं. इस बार राज्य में रिकार्ड धान खरीदी हुई है. राज्य में 23 लाख 41 से अधिक किसानों से सरकार ने 107.53 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा है. हमारी किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में खेती का रकबा और किसानों की संख्या में वृद्धि हुई.
किसानों की संख्या में हुई वृद्धि-सीएम
सीएम ने कहा कि, बीते 4 सालों में धान बेचने वाले किसानों की संख्या और उर्पाजित धान की मात्रा लगभग दोगुनी हो गई है. किसानों के साथ-साथ सभी वर्गों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए हमने कई नई योजनाएं शुरू की हैं. गौठान और गोधन न्याय योजना से ग्रमाीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने तथा ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने का नया अवसर सुलभ हुआ है. गरियाबंद जिले के तीन गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का काम हो रहा है. अब बिजली उत्पादन का भी काम होगा.
10 हजार गौठान का हुआ निर्माण-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 10 हजार गौठान बने हैं, जिससे पशुपालक किसान और गौपालक खुश हैं. गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी होने से पशुपालकों को अतिरिक्त आय होने लगी है. राज्य में डेयरी की संख्या बढ़ी है. लघु वनोपज से हर गरीब के घर में पैसा आया है, शिक्षा के लिए स्कूल भवन एवं अन्य अधोसंरचना के विकास के लिए 1000 करोड़ की व्यवस्था की गई है.