Chhattisgarh News: कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की मुफ्त शिक्षा, जानें- क्या है छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना?
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए 'छत्तीसगढ़ महतारी दुलार' योजना की शुरूआत की है. इस योजना के तहत 1-12 तक अनाथ बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाएगी.
Chhattisgarh Mahtari Dular Yojana: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना इन दिनों हजारों बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है. यह योजना उन बच्चों के लिए है जिनके माता-पिता कोरोनाकाल के समय कोरोना महामारी के आगोश में समा गए हैं. इन बच्चों को इन योजना के तहत पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई का पूरा खर्चा छत्तीसगढ़ सरकार उठाएगी. चाहे पढ़ाई के लिए पुस्तक हो या फिर उनके स्कूल ड्रेस. इतना ही नहीं उन बच्चों को हर महीने स्कॉलरशिप के तौर पर 500 से 1000 तक की राशि दी जा रही है.
मई 2021 को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना का शुभारंभ किया गया है. छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान कोविड-19 में अनाथ बच्चो को छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के तहत राहत देने का ऐलान किया है. इस योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से उन छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ-साथ निशुल्क स्कूली शिक्षा प्रदान करने की योजना तैयार की गई है जिनके माता-पिता या फिर गार्जियन कोरोना वायरस के कारण अब इस दुनिया में नहीं रहे और वह बच्चे अनाथ हो गए हैं.
क्या है छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना
छत्तीसगढ़ राज्य में रहने वाले वह बच्चे जिनके सर से उनके माता-पिता या किसी भी परिवार के मुखिया का साया हट गया है. उन्हें पढ़ाई में कोई दिक्कत ना हो इस बात का ध्यान रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने उन बच्चों के लिए छात्रवृत्ति और शिक्षा में पूरी तरह सहायता करने की योजना तैयार की है. इस योजना को नाम दिया गया है छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना. हालांकि, जो सदस्य कोरोना वायरस की वजह से दुनिया छोड़कर चले गए हैं उनकी भरपाई तो नहीं की जा सकती है लेकिन जो पीछे रह गए हैं उनके जीवन को शिक्षा से जोड़कर बेहतर बनाने का प्रयास सरकार की तरफ से किया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ महतारी योजना का लाभ
इस योजना में उन बच्चों को सहायता प्रदान की जाएगी जिन्होंने कोरोना वायरस की वजह से परिवार का मुखिया यानी कमाने वाला व्यक्ति खो दिया है. सरकार की तरफ से यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे बच्चों की शिक्षा की पूरी व्यवस्था सरकार की तरफ से की जाएगी. शिक्षा के लिए उन्हें वार्षिक छात्रवृत्ति के रूप में एक निश्चित राशि दी जाएगी. इस योजना के तहत अनाथ हुए पहली से आठवीं तक के छात्रों को 500 रुपए और 9वीं से 12वीं का के छात्रों के लिए 1000 रुपए की राशि का ऐलान किया गया है. छत्तीसगढ़ में मौजूद स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में उन बच्चों को प्राथमिक तौर पर प्रवेश देने की अनुमति दी गई है. जिसके लिए कोई भी फीस नहीं ली जाएगी. विद्यार्थी चाहे सरकारी स्कूल से हो या फिर निजी स्कूल से उसकी शिक्षा पूरी तरह से निशुल्क कर दी जाएगी.
क्या कहा जिला शिक्षा अधिकारी ने
दुर्ग जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने बताया कि दुर्ग जिले में छत्तीसगढ़ महतारी योजना का लाभ लेने के लिए 955 बच्चों ने आवेदन किया है. जिनमें से 556 बच्चों का वेरिफिकेशन कर लिया गया है. बाकी बच्चों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है. और उन बच्चों को इस योजना के तहत लाभ दिया जाएगा. इन बच्चों को सरकार द्वारा छात्रवृत्ति का रुपया सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाएगा. साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार इन बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाएगी.
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