अम्बिकापुर:  जिले मे 1100 मीटर यानी समुद्र तल से 3300 फीट की ऊंचाई मे बसा मैनपाट अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए अब देश भर मे चर्चित हो रहा है. यहां की ख्याति का एक विशेष कारण यहां बहने वाला उल्टा पानी है. जिसको देखने छत्तीसगढ़ के साथ देश भर के सैलानी यहां पहुंचते है.


छत्तीसगढ़ के शिमला के रूप मे चर्चित है मैनपाट


मैनपाट सरगुजा जिले के पहाडी मे बसा इलाका है. छत्तीसगढ़ के शिमला के रूप मे चर्चित मैनपाट मे वैसे तो कई ऐसे प्वाइंट है. जो अपने अद्वितीय प्रकृति के कारण पर्यटकों के पसंदीदा स्थान बन चुके हैं. जो लोग छुट्टियां बिताने के लिए देश के अन्य हिल स्टेशन पर नहीं जा पाते हैं. उनके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन मैनपाट होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के कई प्वांइट मे उल्टा बहने वाला पानी सबकी उत्सुकता का केन्द्र बना रहता है.  




बिसरपानी गांव मे उल्टा पानी बहता है


मैनपाट के घने जंगलों के बीच बसे बिसरपानी गांव मे एक जगह ऐसी हैं. जहां उल्टा पानी बहता है.  उल्टा मतलब पानी ढाल से ऊंचाई की ओर बहता दिखता है. इस जगह पर एक आम के पेड के पास भूगर्भ से जल निकलता है. जिसे उल्टापानी का उदगम माना जाता है. जिसके बाद उदगम से करीब 20-25 मीटर तक ये पानी सीधी दिशा यानी ढाल की ओर बहता दिखता है. लेकिन उसके बाद करीब 100 मीटर तक ये पानी धीरे धीरे करीब 7-8 फीट ऊपर चढता दिखता है. मतलब पानी ढाल वाले स्थान से चढाई की ओर बहता दिखता है. जिसको खुली आंखों से देखकर अचरज मे पड जाते हैं.  




उल्टे पानी को बहता देख हैरान रह जाते हैं पर्यटक


यहां आने वाले पर्यटक इस अचंभे पर यकीन ही नहीं करते हैं. लेकिन जो दिख रहा है उस पर अपने संदेह को दूर करने लोग कागज की नांव और प्लास्टिक के सामान को पानी मे बहा कर देखते हैं कि सही मे पानी ढाल से ऊंचाई की ओर चढ रहा है या नही! हालांकि लोग यहां छुट्टियां मनाने, पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. इसलिए वो इस जगह मे परिवार और दोस्तों के साथ जमकर मौज मस्ती करते हैं.  


स्थान की भौगोलिक परिस्थिति के कारण पानी उल्टा बहता दिखता है


एबीपी न्यूज उल्टा पानी बहने के दावा नहीं करता लेकिन यहां आने वाले लोग ये मानते हैं कि यहां पानी वास्तव मे उल्टा बह रहा है. बंगलौर से आए एक पढे लिखे युवा ये मानते हैं कि इस जगह पर आकर ये महसूस हुआ कि यहां गुरूत्वातर्षण का कोई नियम काम नहीं कर रहा है. हालांकि यहां आने वाले कुछ पर्यटको का मानना है कि स्थान की भौगोलिक परिस्थिति के कारण पानी उल्टा बहता दिखता है. वास्तव मे पानी उल्टा नहीं बह रहा है. वैसे इन मामलों के कुछ जानकारों का मानना है कि ऐसे स्थान मे कोई ऐसा बल प्रभावी हो सकता है जिसका बल गुरूत्वाकर्षण बल से ज्यादा होगा.


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